WATCH 1000'S OF INDIAN SEX ADULT WEB SERIES

कच्ची कली खिल गई

views

जवान लड़की की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने पड़ोस में रहने वाली एक कमसिन कॉलेज गर्ल के साथ सेक्स करके मजा लिया.
लेखक की पिछली कहानीदोस्त की बहन और उसकी मम्मी की चुदाई
अब यह नयी जवान लड़की की चुदाई कहानी का मजा लीजिये.
36 साल तक गणित के अध्यापक के रूप में सेवा करके 60 साल की उम्र में जब रिटायर हुआ तो मैंने लखनऊ में बसने का फैसला लिया.
लखनऊ में मैंने जो फ्लैट खरीदा, उसके सामने वाले फ्लैट में एक परिवार रहता था.
परिवार के मुखिया मनोहर लाल जी कपड़े की दुकान करते थे.
उनके घर में उनकी पत्नी और कमसिन लड़की थी.
मेरे घर में मैं अकेला था क्योंकि मेरी पत्नी का देहांत 15 साल पहले हो गया था और मेरा बेटा अपनी पत्नी व बच्चों के साथ लन्दन में रहता है.
यहां रहते हुए मुझे करीब एक साल हो गया था लेकिन मनोहर लाल जी के साथ मेरे सम्बन्ध बस दुआ सलाम तक सीमित थे.
तभी एक दिन सुबह सुबह मेरे फ्लैट की घंटी बजी.
मैंने बाहर जाकर देखा तो मनोहर लाल जी थे.
दुआ सलाम के बाद वे बोले कि आपसे कुछ बात करनी थी.
मैं उन्हें अन्दर ले आया.
इतने में मेरे घर में काम करने वाली महाराजिन आ गई तो मैंने चाय बनाने के लिए कह दिया.
चाय पीते पीते मनोहर लाल जी ने बताया- इस साल सलोनी (उनकी बेटी का नाम सलोनी है, मुझे तभी पता चला) का इण्टर फाइनल है और वो गणित में कुछ कमजोर है, यदि आप कुछ समय दे सकें तो उसका कल्याण हो जायेगा.
इसके बाद बहुत सकुचाते हुए मनोहर लाल जी बोले- फीस जो आप कहेंगे, मिल जायेगी.
“कैसी बातें करते हैं, मनोहर लाल जी. सलोनी को पढ़ाने की फीस मैं नहीं ले सकता. लेकिन मैं हैरान तो यह सोचकर हूँ कि सलोनी इण्टरमीडिएट में है, मैं समझता था कि कक्षा हाई स्कूल में होगी, कितने साल की है, सलोनी?
“दो महीने पहले ही उसका जन्मदिन था, 18 साल से अधिक की हो गई है.”
“बड़ी खुशी की बात है. ऐसा करिये कि उसे सोमवार से भेजिये. ईश्वर ने चाहा तो सौ में सौ नम्बर लायेगी.”
इसके बाद मनोहर लाल जी धन्यवाद कहकर चले गये.
सोमवार को सलोनी आई और मैंने उसे करीब एक घंटा पढ़ाया.
काफी कमजोर थी.
एक हफ्ते पढ़ाने के बाद सलोनी कुछ समझ पाई या नहीं … लेकिन मैं समझ गया कि इसको चोदने का प्लान बनाना है.
क्योंकि पत्नी के मरने के बाद पहले अपनी साली, सलहज और आजकल महाराजिन को चोद कर ही गुजारा कर रहा था.
कमसिन लड़की चोदने के बारे में सोचकर ही लण्ड फड़फड़ाने लगता था.
सलोनी को चोदने में एक समस्या थी, वो यह कि सलोनी करीब पाँच फीट की दुबली पतली चालीस किलो वजन की गुड़िया थी. पर मैं छह फीट का 105 किलो का गेंडा छाप पहलवान.
मेरी उम्र भले ही 62 साल हो गई थी लेकिन निरन्तर शिलाजीत के सेवन से मेरा लण्ड बड़ा मजबूत था.
जब खड़ा होता तो करीब आठ इंच लम्बा और अच्छा खासा मोटा हो जाता.
टन्नाये हुए लण्ड पर फूली हुई नसें जवानी का अहसास कराती थीं.
हालांकि मुझे सलोनी को चोदना है, मैंने यह तय कर लिया था.
अपनी योजना के तहत मैंने सलोनी से कहा कि ऐसे तो तुम्हारा पास होना मुश्किल है, लगता है तुम्हारे सितारे तुम्हारा साथ नहीं दे रहे. तुम अपनी जन्मतिथि व समय बताओ तो मैं तुम्हारी कुण्डली चेक करके बताऊँ.
सलोनी ने जन्मतिथि और समय बताया तो मैंने कहा कि मैं आज चेक कर लूँ, तुम्हें कल बताऊंगा.
अगले दिन सलोनी आई तो मैं लैपटॉप पर उसकी कुण्डली खोलकर ही बैठा था.
मैंने सलोनी से कहा- कुछ अड़चन है लेकिन उसका समाधान भी है, एक ताबीज बनाना पड़ेगा और एक अनुष्ठान करना पड़ेगा.
“कैसे होगा और कौन करेगा?”
“मैं ही करूंगा और इसमें कोई विशेष खर्च भी नहीं होगा.”
“कब करेंगे?”
“पहला काम बुधवार को होगा और दूसरा सोमवार से शुरू होगा. तुम यह बताओ कि अपने गुप्त स्थान के बाल रिमूव करती हो या नहीं?”
“जी? मैं समझी नहीं.
“अपनी पैन्टी के अन्दर के बाल साफ करती हो या नहीं?”
“नहीं सर!”
“कभी नहीं किये हैं?”
“ना … कभी नहीं सर!”
“बहुत अच्छा. तुम्हारा ताबीज बहुत असरकारी होगा. लेकिन एक बात का ध्यान रखना, यह ताबीज गुप्त ही रहना चाहिए, किसी को इसके बारे में बताओगी तो इसका असर समाप्त हो जायेगा.”
“नहीं बताऊंगी, सर.”
बुधवार को सलोनी आई तो मैंने उससे कहा- बाथरूम जाओ, पेशाब करके योनि को पानी से साफ करके आओ.
“और हाँ, अपनी पैन्टी वहीं बाथरूम में ही छोड़ आना.”
कुछ देर बाद सलोनी आई तो मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी स्कर्ट ऊपर उठा दी. लोटे में रखे जल से उसकी बुर पर पानी के छींटे मारे, फर्जी मंत्र बुदबुदाया और फिर रेजर से उसकी झाँटें साफ कर दीं.
चमकती बुर पर कोल्ड क्रीम लगा दी और उससे कहा- जाओ पैन्टी पहन लो.
सलोनी अगले दिन जब आई तो मैंने उसे एक पुड़िया दी जिस पर कलावा बंधा था.
मैंने कहा कि तुम्हारे गुप्त स्थान के बालों को अभिमंत्रित करके यह ताबीज बनाया है, इसे किसी गुप्त स्थान पर रख देना और कभी खोलना नहीं. क्योंकि खुलते ही इसका असर समाप्त हो जायेगा और इसके अन्दर का सामान स्वतः गायब हो जायेगा.
सोमवार को जब सलोनी आई तो मैंने कहा- आज से अनुष्ठान शुरू होगा जो 14 दिन तक चलेगा और पन्द्रहवें दिन समाप्ति होगी.
“ठीक है सर!”
“तो फिर बाथरूम में जाओ और पेशाब करके अपनी योनि जल से स्वच्छ करके आ जाओ.”
“सर, पैन्टी वहीं छोड़कर आनी है?”
“सिर्फ पैन्टी ही नहीं बल्कि सलवार भी वहीं खूँटी पर टाँग आना.”
सलोनी बाथरूम से लौटी तो मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसका कुर्ता नाभि तक ऊपर कर दिया.
चमकती गुलाबी बुर देखकर मेरा लण्ड उछलने लगा लेकिन उसे काबू करना जरूरी था.
लोटे में से जल लेकर सलोनी की बुर पर छिड़का, फर्जी मंत्र पढ़ा और उसकी बुर व नाभि पर एक एक फूल रख दिया.
एक कटोरी में शहद डालकर मैंने सलोनी से कहा- इसे तीन बार अपनी जीभ लगाकर जूठा कर दो!
उसने वैसा ही किया.
अब मैंने उस कटोरी में से थोड़ा सा शहद सलोनी की बुर पर टपकाया और अपनी जीभ से चाट लिया.
बार बार शहद टपका कर सलोनी की बुर चाटने से उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया.
सलोनी की बुर से रिसते खारे पानी को चाटते हुए मैंने उसकी बुर के लब खोलकर अपनी जीभ फेर दी.
सलोनी की कसमसाहट मुझे सही राह पर चलने का प्रमाण दे रही थी.
बुर चाटने के बाद मैंने उससे कहा- जाओ, स्वच्छ जल से धोकर अपने कपड़े पहन लो.
सलोनी के जाने के बाद शाम को जब महाराजिन आती तो उसको चोदकर मैं अपना लण्ड शांत कर लेता.
नौ दिन तक सलोनी की बुर चाटने के बाद जब दसवें दिन सलोनी आई तो बोली- सर, आज अनुष्ठान नहीं हो पायेगा क्योंकि मेरी माहवारी हो गई है.
“कोई बात नहीं. अगले सोमवार से फिर से शुरू करना होगा.”
अगले सोमवार से फिर से सलोनी की बुर चटाई शुरू की गई और चौदह तक सलोनी की बुर चाट चाट कर मैंने लाल कर दी.
अब आ गया पन्द्रहवां दिन.
सलोनी आई तो मैंने कहा- आज अनुष्ठान की समाप्ति है, जाओ बाथरूम जाओ और स्नान करके निर्वस्त्र ही आ जाना.
सलोनी स्नान करके आई तो मैंने कहा- आज तुम्हें अनुष्ठान में सक्रिय रूप से भाग लेना है.
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और सलोनी से कहा- मेरे लण्ड की जड़ पर सिन्दूर से तिलक करो और पाँच बार चुम्बन करो. अब कटोरी में रखा शहद मेरे लण्ड के सुपारे पर टपकाती जाओ और चाटती जाओ.
सलोनी ने मेरे लण्ड का सुपारा चाटना शुरू किया तो मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा.
शहद समाप्त हुआ तो मेरे लण्ड की नसें फूलकर फटने की स्थिति में आ गई थीं. देसी घी की कटोरी सलोनी को देते हुए मैंने कहा कि इसे मेरे लण्ड पर मल दो.
इसके बाद मैंने सलोनी से कहा- अपनी बुर के लबों को फैलाकर मेरे लण्ड पर बैठ जाओ, तुम जैसे जैसे नीचे की ओर दबोगी यह तुम्हारी बुर में घुसता जायेगा. लण्ड की जड़ में लगा हुआ सिन्दूर का तिलक तुम्हारी बुर से छूते ही अनुष्ठान पूर्ण हो जायेगा.
“सर, यह मेरी बुर में कैसे जा पायेगा, यह तो बहुत मोटा और लम्बा है, मेरी बुर तो बहुत छोटी है.”
“देसी घी के सहारे जायेगा, कन्या. उंगली में घी लेकर लण्ड के सुपारे पर रख दो और बैठ जाओ.”
सलोनी ने लण्ड के सुपारे पर घी रखा तो लण्ड की गर्मी से घी पिघलने लगा.
मैंने अपनी हथेली पर घी लिया और अपने अँगूठे पर चुपड़कर सलोनी की बुर में डालकर चलाने लगा.
बीस बार अपना अँगूठा सलोनी की बुर में चला कर मैंने सलोनी को अपने लण्ड पर बिठा लिया.
सलोनी की बुर के खुले लबों के बीच सलोनी की बुर के मुखद्वार से सम्पर्क होते ही मेरा लण्ड अन्दर घुसने के लिए बेताब हो गया.
उसकी दोनों बाँहें पकड़कर मैंने उसे नीचे की ओर दबाया तो टप्प की आवाज हुई और मेरे लण्ड का सुपारा सलोनी की बुर के अन्दर हो गया.
सलोनी के चेहरे पर दर्द की हल्की सी रेखा उभरी लेकिन जल्द ही वो सामान्य हो गई.
“देखो चला गया ना!” मैंने कहा.
“क्या पूरा चला गया?”
सलोनी की हथेलियों पर घी रखकर मैने उसकी हथेलियों में अपना लण्ड दे दिया और कहा- इसकी मसाज करती रहो तो धीरे धीरे चला जायेगा.
मेरे सिखाने पर सलोनी लण्ड की मसाज करना और लण्ड की खाल को आगे पीछे करना शुरू कर दी.
मैंने सलोनी को अपने सीने से सटा लिया और उसके होंठ चूसने लगा. नीबू के साइज की सलोनी की चूचियों के निप्पल्स टाइट होकर मेरे सीने में चुभ रहे थे.
सलोनी के हाथों का स्पर्श पाकर मेरा लण्ड बावला हुआ जा रहा था. 18 साल की कच्ची कली को फूल बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए मैंने सलोनी की कमर पकड़कर नीचे की ओर दबाना शुरू किया तो आधा लण्ड सलोनी की बुर में समा गया.
मैं सोच रहा था कि कुदरत ने बुर भी क्या चीज बनाई है, कितना भी बड़ा लण्ड हो बुर खा जाती है.
आधा लण्ड सलोनी की बुर में जाने के बाद मैंने सलोनी के हाथ अपने कंधों पर रख दिये, मैंने उसकी कमर पकड़ ली और उसे अपने लण्ड पर फुदकने के लिए कहा.
सलोनी फुदकने लगी तो मैंने कहा- मैं सौ तक गिनूंगा, तुम फुदकती रहना, रूकना मत.
सलोनी ने मेरे कंधे पकड़ लिये और मैंने उसकी कमर.
उसने फुदकना शुरू किया तो मेरा आधा लण्ड उसकी बुर के अन्दर बाहर होने लगा जिससे सलोनी की बुर गीली होने लगी.
फुदकते फुदकते गिनती पंचानबे, छियानबे पर पहुंची तो मैं चौकन्ना हो गया.
जैसे ही मैंने निन्यानबे बोला और सौवीं बार के लिए सलोनी फुदकी तो मैंने उसकी कमर को झटके से नीचे की ओर धकेल दिया.
सलोनी की बुर की सील तोड़ते हुए मेरा लण्ड पूरी तरह से सलोनी की बुर में समा गया.
उसके होठों को अपने होंठों से लॉक करके मैंने उसकी चिल्लाहट तो बाहर आने से रोक ली लेकिन उसकी आँखों से बहते आँसू न रोक सका.
मेरा लण्ड सलोनी की बुर के अन्दर था और वो मेरे सीने से लगी हुई सुबक रही थी.
सलोनी को उसी स्थिति में अपनी गोद में लेकर मैं किचन में गया, उसे पानी पिलाया, किशमिश खिलाई और उसके गालों पर चुम्बन करते हुए वापस बेडरूम में ले आया और उसे बेड पर लिटा दिया.
पूरा लण्ड सलोनी की बुर के अन्दर था. सलोनी की तरफ झुकते हुए मैंने उसकी चूचियां चूसना शुरू किया.
चूचियां चूसने से सलोनी उत्तेजित होने लगी और चूतड़ हिलाने लगी.
अब सलोनी की बुर से अपना लण्ड बाहर निकाल कर उस पर लगा खून कपड़े से साफ करके मैंने उस पर कॉण्डोम चढ़ा दिया.
सलोनी की बुर को सहलाया और लण्ड का सुपारा उसकी बुर के मुखद्वार पर टिकाकर उसकी कमर पकड़कर उसे हवा में उठाया तो सुपारा उसकी बुर में चला गया.
धीरे धीरे पूरा लण्ड अन्दर करके पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार से चुदाई शुरू की जो बढ़ते बढ़ते राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड तक जा पहुंच गई.
मासूम सी दिखने वाली सलोनी कली से फूल चुकी थी और चूतड़ उठा उठाकर चुदवा रही थी.
जब मेरे डिस्चार्ज का समय आया तो मैंने उसके चूतड़ों के नीचे तकिया रख दिया और उसके ऊपर लेटकर चोदने लगा.
जब मेरे लण्ड ने पिचकारी छोड़ी तो सलोनी की बुर मेरे वीर्य से भर गई क्योंकि हम जान ही नहीं पाये थे कि कॉण्डोम फट चुका था.
दूसरे दिन सलोनी को इमरजेंसी पिल खिलाकर मैं निश्चिंत हो गया.
आज सलोनी बी. एससी. फाइनल ईयर में है और रोज मुझसे पढ़ने आती है.
मनोहर लाल जी की पत्नी को हमारे सम्बन्धों के बारे में पता है और उनका कहना है कि सलोनी की शादी कहीं भी हो, किसी से भी हो वो बच्चा विजय बाबू का ही पैदा करेगी ताकि बच्चा हृष्ट पुष्ट लम्बा तगड़ा हो.
जवान लड़की की चुदाई कहानी कैसी लगी आपको?[email protected]

Disclaimer:- Content of this Site is curated from other Websites.As we don't host content on our web servers. We only Can take down content from our website only not from original contact us for take down.

Leave a Reply