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Latest sotry by : – सोम … नमस्कार दोस्तों, में आज आप सभी के लिए अपनी पहली चुदाई की सच्ची कहानी लिख रहा हूँ और में urzoy latest new hindi sex stories पर बहुत सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ, मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है
और बहुत मज़ा भी आता है
। पहले में सोचता था कि यह कहानियाँ सच्ची नहीं होती, सभी लोग ऐसे ही झूठी कहानियाँ लिख देते है
, लेकिन जब मेरे साथ भी ऐसी ही एक घटना हुई तब से मुझे सभी कहानियाँ सच्ची लगने लगी है
। दोस्तों में हरियाणा के एक गावं में रहता हूँ, मेरी उम्र 19 साल है
, लेकिन मैंने 18 साल की उम्र से ही मुठ मारना शुरू कर दिया था। में जब 18 साल का हुआ तब तक मेरे अंदर बहुत कमज़ोरी आ गयी थी, मुझे बहुत बार चक्कर आने लगे थे, लेकिन मुझे पता नहीं क्या हुआ भगवान को मुझ पर दया आ गई और एक साल के अंदर मेरा शरीर बहुत अच्छा हो गया था और इस एक साल में मेरा वजन भी 19 किलो बढ़ गया था और अब में पहले से भी बहुत अच्छा दिखने लगा था और बहुत सी लड़कियां भी मेरी तरफ देखने लगी थी।
दोस्तों वो सर्दी का समय था और तब एक दिन मेरी भाभी (मेरे चचेरे भाई की पत्नी) घर पर आ गई, जो कज़िन के साथ बाहर रहती थी।
दोस्तों उस पर मेरी नज़र तब से ही थी, जब उसकी नई नई शादी हुई थी और में हमेशा से उसको पटाने के चक्कर में था, लेकिन ना जाने क्यों मेरी बिल्कुल भी हिम्मत ही नहीं होती थी।
फिर मुझे पता चला कि वो अब यहीं पर रहने वाली है
और अब की बार वो भाई के साथ में नहीं जाएगी तो में यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और अब में अपने भाई अशोक के जाने इंतजार करने लगा, लेकिन इस बीच में अपनी भाभी से जानबूझ कर बहुत करीब आने लगा और उनको अपनी बातों में फंसाने लगा। फिर वो समय भी आ गया जिसका मुझे बहुत समय से इंतजार था और अशोक अपनी नौकरी पर चला गया। दोस्तों सबसे पहले में आप लोगों को अपनी भाभी के बारे में पूरा विस्तार से बताता हूँ। दोस्तों उनका नाम नीलम है
और वो बहुत सुंदर है
और उनका वजन करीब 50 किलो और उनकी लम्बाई 5.4 है
, उनकी उम्र 23 साल है
, लेकिन फिगर के साईज़ का मुझे पता नहीं, क्योंकि मैंने कभी नापा नहीं और नापकर करना भी क्या था? मुझे तो बस उन्हें चोदने से मतलब था। फिर अशोक के चले जाते ही में नीलम को चोदने का प्लान बनाने लगा। मैंने अब उसके साथ थोड़ी ज्यादा शरारत करनी शुरू कर दी, कभी में उसके कंधे पर हाथ रख देता तो कभी उसको पीछे से एकदम पकड़कर भीच देता, लेकिन मेरी इस हरकत से वो बुरा नहीं मानती, इसलिए मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई। एक दिन मैंने उसकी गांड पर हाथ लगा दिया तो उसने थोड़ा मेरी तरफ घूरकर देखा, लेकिन फिर कुछ नहीं बोली। फिर मुझे लगने लगा कि अब की बार तो मेरी बात बन ही जाएगी। फिर अगले दिन शाम को मैंने उसको जबरदस्ती पकड़कर किस करने की कोशिश की, लेकिन उसने नहीं करने दिया और वो मुझसे बहुत गुस्से में बोली कि यह तेरी क्या हरकत है
? क्या तुझे बिल्कुल भी शरम नहीं आती? तो में चुपचाप वहां से चला गया और अगले दिन सुबह वो घर पर बिल्कुल अकेली थी तो मैंने मन ही मन सोचा कि चलो आज इस मौके का फायदा भी उठा लेता हूँ और जब में उसके पास गया तो वो मुझसे बोली कि यहाँ पर मेरे पास बैठ और में बैठ गया। अब वो मुझसे बोली कि में कई दिनों से तुझे देख रही हूँ, तू किस चक्कर में पड़ा है
। फिर वो बोली कि तुझे का शरम नहीं आती ऐसा करते हुए? वो बोली कि कंधे पर हाथ रखने तक तो ठीक था, लेकिन तूने तो अब बिल्कुल हद ही कर दी, कभी कहीं हाथ लगाता है
, कभी कहीं, तुझे क्या शरम नहीं आती? में तेरी भाभी लगती हूँ और वो उस समय बहुत गुस्से से बोल रही थी और वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों कर रहा है
तू ऐसा? तो मैंने कहा कि मुझे तू बहुत अच्छी लगती है
इसलिए। अब वो बोली कि और मुझे तेरा भाई अच्छा लगता है
और तू मुझे ऐसी वैसी मत समझना। में अशोक से बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ और वो भी मुझे बहुत प्यार करता है
। दोस्तों उसकी ऐसी बातें सुनकर तो मेरा पूरा मूड ही खराब हो गया और में वहां से उठकर चला गया। फिर एक दिन सवेरे वो घर पर अकेली थी तो में उसके पास चला गया, वो पलंग पर बैठी हुई थी तो मैंने बहुत हिम्मत करके उसके दोनों हाथ अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए और उसके होंठो पर किस करने लगा। करीब 3-4 सेकेंड तक उसके होंठ चूसे और फिर उसके हाथ छोड़कर में जाने लगा। मैंने सोचा कि वो मुझसे बहुत गुस्सा होगी और कुछ कहेगी, लेकिन मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो अपने होंठो को हाथ से साफ कर रही थी और फिर में चला गया। वाह दोस्तों मुझे क्या गजब का मज़ा आया था और फिर जब भी मुझे मौका मिलता तो में उसे पकड़कर उसके होंठो पर किस कर देता, लेकिन वो मेरा साथ नहीं देती थी, बस वो मुझसे छुड़ाने की कोशिश किया करती थी।
अब मेरी हिम्मत दिनों दिन बढ़ती गई, क्योंकि वो यह बात किसी को नहीं बताती थी और में कभी कभी उसके बूब्स को भी दबा देता और उसे पीछे से कसकर पकड़ लेता, जिससे मेरा लंड खड़ा हो जाता और पीछे से उसकी गांड पर रगड़ने लगता था। बस मेरा मन करता कि अभी अपना लंड उसकी गांड में घुसा दूँ, लेकिन मुझे इससे ज़्यादा कुछ करने का मौका ही नहीं मिलता था, क्योंकि घर में हमेशा और भी सदस्य थे तो कभी रसोई में या कभी उसके रूम में मुझे थोड़ा ही मौका मिलता था। फिर में मन ही मन सोचने लगा कि अब यह मुझे जब भी अकेली मिलेगी, में इसे चोद दूँगा। फिर वो दिन भी आ गया, वो उस दिन घर पर बिल्कुल अकेली थी और मैंने उसको जबरदस्ती पकड़कर बेड पर पटक लिया और में उसके ऊपर लेट गया, वो मुझसे छुड़ाने की बहुत कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा तो वो रोने का नाटक करने लगी और बोली कि प्लीज एक बार उठो आपकी कोहनी मेरे पेट में गड़ रही है
तो मैंने उसे छोड़ दिया और खड़ा हुआ और वो खड़ी हुई और खड़े होते ही उसने मेरे गाल पर ज़बरदस्त तीन थप्पड़ मारे। उसने मेरा तो पूरा दिमाग़ ही हिला दिया और उससे मेरे गाल एकदम सुन हो गये थे और उसने एकदम से मुझे धक्का देकर रूम से बाहर कर दिया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। फिर में वापस चला गया और अब मैंने उसे चोदने की आस ही छोड़ दी और मैंने मन ही मन सोच लिया कि यह मुझसे नहीं चुदेगी और फिर 10 दिन तक मैंने उससे कोई भी बात ही नहीं की, वो मुझसे कुछ भी बोलती, लेकिन में उससे नहीं बोलता। फिर एक दिन मुझे पता चला कि वो दोबारा घर पर अकेली है
तो में एक बार फिर से उसके पास चला गया। अब वो मुझसे बोली कि क्या हुआ गुस्सा खत्म हो गया? क्यों अब नहीं होना मुझसे नाराज़? तो में बिना कुछ बोले उसके पास बैठकर उसके गाल पर किस करने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली। फिर ऐसे ही दोबारा मैंने उसके साथ शरारत करनी शुरू कर दी। एक दिन में क्रिकेट खेलकर आया और तब वो सो रही थी, उसके सर में दर्द था, में उसके पास गया और उसे जगाकर उसके चेहरे को पकड़कर उसके होंठो पर किस करने लगा। दोस्तों मैंने महसूस किया कि उस दिन पहली बार उसने पीछे से मेरा सर पकड़ा और किस करने में मेरा साथ देने लगी, उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में डाल दिया और ज़बरदस्त किस करने लगी, मुझे ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया था और किस करते वक्त मेरा लंड फटने को हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी नसो में खून बड़ी तेज़ी से बह रहा है
। फिर जब भी में उसे किस करता तो वो भी मेरा साथ देने लगी थी और में उसे अपनी बाहों में लेता और हम एक दूसरे से चिपककर बहुत मज़े से किस करते। हमें बहुत मज़ा आता था, लेकिन वो अब भी चुदने को तैयार नहीं थी।
फिर एक दिन दोबारा मुझे मौका मिला, जब घर पर कोई नहीं था तो मैंने सोचा कि चलो चोदने की कोशिश करता हूँ। फिर में उसके पास गया और उसे बेड पर पटक लिया तो वो छुड़ाने लगी। फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज सिर्फ़ एक बार मुझे करने दो, तो वो मुझसे बोली कि नहीं बिल्कुल नहीं, जब तेरा भाई है
यह सब करने के लिए, तो में और किसी से क्यों करवाऊँ? में उसे मनाता रहा, लेकिन वो नहीं मानी। फिर मैंने उसे छोड़ दिया और वो बाहर आ गई और मुझसे कहने लगी कि तुम जाओ, में नहाने जा रही हूँ। फिर मैंने उसे फिर से पकड़ लिया और उसके बूब्स को मसलने लगा और में उसे बार बार कह रहा था कि बस एक बार करने दो, लेकिन वो लगातार मना करती रही। फिर में उसे बाथरूम में ले गया और मैंने अंदर से दरवाजा बंद किया तो वो कहने लगी कि प्लीज तुम बाहर जाओ, तुम मुझे भी मरवाओगे प्लीज कोई आ जाएगा। फिर मैंने कहा कि कोई नहीं आएगा और अगर कोई आ भी गया तो उसे क्या पता कि में भी बाथरूम में तुम्हारे साथ हूँ? फिर मैंने उसको दीवार के साथ लगा लिया और उसके ब्लाउज के हुक को खोलने लगा। में आज पहली बार उसके हुक खोल रहा था तो मुझसे हुक खुल ही नहीं रहा था, बहुत मुश्किल से एक खुला तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज ऐसा मत करो, लेकिन में अब उसकी कहाँ सुनने वाला था, क्योंकि मुझे बहुत मुश्किल से तो यह मौका मिला था। फिर धीरे धीरे मैंने उसके सारे हुक खोल दिए। उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी और उसके बिल्कुल सफेद बूब्स अब मेरे सामने थे। फिर मुझसे रुका नहीं गया और में उन्हें चूसने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर 5 मिनट बूब्स को चूसने के बाद मैंने उसकी साड़ी को उतारकर नीचे पटक दिया। फिर उसने अपने पैर से अपनी साड़ी को एक तरफ सरका दिया और यह देखकर में बहुत है
रान था और में समझ गया कि अब तो यह भी मुझसे चुदने के लिए तैयार है
। फिर में उसका पेटिकोट उतारने लगा तो उसने मना कर दिया कि प्लीज अब इसको मत उतारो बस इतना ही रहने दो, में इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, मेरा मन यह सब करने के लिए तैयार नहीं है
। फिर में उसके पेटिकोट को नीचे से पकड़कर ऊपर उठाने लगा तो उसने अपनी आँखे बंद कर ली। मैंने देखा कि उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी चूत पर बहुत बाल थे। मैंने चूत पर हाथ लगाकर देखा तो उसकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी।
फिर मैंने सोचा कि अब और देर नहीं करनी चाहिए और मैंने अपनी बेल्ट को निकाल दिया और वहीं पर टांक दी। फिर मैंने तुरंत अपनी पेंट को घुटनों तक उतार लिया और उसका पेटिकोट ऊपर उठाया और उसकी आँखे अभी भी बंद थी।
अब में अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा और तभी मेरा लंड फिसलकर नीचे से पीछे की तरफ निकल गया। उसने आँखे बंद किए ही अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के सही जगह पर लगा लिया और फिर मैंने ज़ोर से धक्का देकर पूरा लंड अंदर डाल दिया। चूत गीली होने की वजह से लंड आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया। अब मैंने धक्के लगने शुरू कर दिए और वो तेज तेज सांस ले रही थी और मुझे तो इतना मज़ा आ रहा था कि में शब्दों में बता नहीं सकता, क्योंकि में आज पहली बार चूत मार रहा था, लेकिन तब में समझ गया कि सभी लोग इस चीज़ के लिए क्यों मरते है
? फिर 5 मिनट बाद मैंने सोचा कि अब में पीछे से इसकी चूत मारता हूँ तो में उसे पकड़कर घुमाने लगा तो वो मुझसे बोली कि नहीं तुम आगे से ही करो। उसने सोचा कि में अब उसकी गांड मारने वाला हूँ। फिर 5 मिनट और में उसे खड़े खड़े ही चोदता रहा। फिर मैंने उससे कहा कि चल अब नीचे लेट जा तो वो बाथरूम में नीचे लेट गई और मैंने उससे कहा कि चल अपने हाथ से लंड पकड़कर अपनी चूत पर सेट कर तो उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर सेट कर दिया। फिर बोली कि चल अब कर तो में धक्के मारने लगा, तभी वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुमने पहले भी कभी किसी के साथ सेक्स किया है
? तो मैंने कहा कि नहीं में आज तेरे साथ पहली बार कर रहा हूँ और में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो और मैंने अपनी स्पीड को थोड़ी कम कर लिया, वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और उसने मुझे बहुत टाईट अपनी बाहों में भर लिया और फिर पीछे से मेरे कूल्हों को पकड़कर अपनी गांड ऊपर उठा उठाकर चुदाई का मज़ा ले रही थी।
फिर करीब 10 मिनट के बाद वो बिल्कुल शांत हो गयी और मुझसे कहने लगी कि चलो अब हटो। फिर मैंने उससे कहा कि तेरा हो गया, लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ। फिर वो बोली और कितनी देर लग़ेगी? मैंने कहा कि मुझे पता नहीं और में अब लगातार उसकी चूत मार रहा था। में पसीने में बिल्कुल नहा गया था और बाथरूम में जगह थोड़ी कम थी तो हम अपने पैर भी सीधे नहीं कर पा रहे थे, इसलिए जब में झटके लगा रहा था तो उसका सर दीवार से लग रहा था। फिर मैंने एक हाथ उसके सर पर रख लिया कि उसको चोट ना लगे। फिर मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए और फिर चोदने लगा। तब मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर वो कहने लगी कि ऐसे मत करो, ऐसे बहुत दर्द होता है
। फिर मैंने कहा कि थोड़ी देर रुक बस अभी होने वाला है
और करीब 15 मिनट और निकल गए तो वो कहने लगी और कितनी देर लगाओगे? अब तो करीब उसे चोदते हुए 50 मिनट हो गए थे। में बहुत है
रान हो गया कि इतनी देर कैसे लग रही है
, जबकि में आज पूरा मज़ा ले रहा हूँ और मुठ तो में करीब 2 मिनट में भी मार लेता हूँ और मैंने कई लड़को से पूछा था वो यही कहते थे कि पहली बार में तो 2 या 3 मिनट ही लगते है
। अब मैंने उससे कहा कि में पीछे करना चाहता हूँ तो वो बोली कि नहीं पीछे बहुत दर्द होता है
। मैंने कहा कि में बहुत धीरे धीरे से करूंगा, जब दर्द होगा तो नहीं करूंगा। फिर वो कुछ नहीं बोली। मैंने लंड उसकी गांड पर रख दिया और एक झटका लगाया तो वो एकदम से उछलकर पड़ी और नीचे बैठकर अपने चेहरे पर हाथ रखकर रोने लगी। अब में थोड़ी देर खड़ा रहा और फिर मैंने उससे कहा कि चलो ठीक है
आगे ही करता हूँ। फिर तभी वो बहुत ज़ोर से चिल्लाकर मुझसे बोली कि नहीं करवाना मुझे। फिर में उसका गुस्सा देखकर बहुत डर गया कि कहीं बाहर किसी ने ना सुन लिया हो और फिर मैंने हेंगर पर से अपनी बेल्ट उतारी और बेल्ट लगाकर जल्दी से वहां से बाहर निकल गया। दोस्तों ये कहानी आप urzoy latest new hindi sex stories पर पड़ रहे है
। दोस्तों में अब बहुत खुश था कि इतने सालों से जो में चाहता था वो मुझे मिल गया था, लेकिन एक बड़ी टेंशन भी हो गई थी कि इतनी देर चोदने के बाद भी मेरा वीर्य नहीं निकला। में सोचने लगा कि कहीं मेरे अंदर कोई समस्या तो नहीं है
। फिर मैंने मुठ मारी तो 4-5 मिनट में ही झड़ गया और वीर्य भी बहुत सारा निकला, लेकिन यह मेरे लिए बहुत बड़ी टेंशन हो गई थी।
फिर शाम को में उसके पास गया तो वो रोने लगी और कह रही थी कि तुमने मेरे साथ बहुत ग़लत किया है
। में अब तुमसे कभी भी बात नहीं करूंगी, तेरा भाई मुझ पर कितना विश्वास करता है
और मैंने उसका विश्वास तोड़ दिया है
। फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है
और वैसे भी उसको क्या पता कि हमारे बीच क्या हुआ है
और किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज किसी को इसके बारे में कुछ मत बताना। अगले दिन वो ठीक लग रही थी और मुझसे बात भी कर रही थी।
अब मैंने उससे कहा कि में फिर से करना चाहता हूँ तो वो मना करने लगी। फिर अगले दिन सुबह में उसके पास गया, तब वो एकदम अकेली थी।
मैंने उससे कहा कि चल तैयार हो जा, वो कहने लगी कि नहीं मेरे सर में बहुत दर्द है
। फिर मैंने उससे कहा कि मेरे सामने तेरा कोई बहाना नहीं चलेगा और मैंने उसको बेड पर लेटा दिया। फिर उसने मुझसे कहा कि पहले बाहर का दरवाजा बंद करके आओ। मैंने दरवाजा बंद किया और फिर उसके पास आ गया, उस दिन उसने सूट सलवार पहना हुआ था और में अब उसकी सलवार को उतारने लगा, लेकिन मुझसे उसका नाड़ा ही नहीं खुला। फिर मैंने उससे कहा कि खोल इसको तो वो हंसने लगी और उसने 1 सेकिंड में नाड़ा खोल दिया। फिर मैंने सलवार को खींचकर उतार दिया, उसने काली पेंटी पहनी हुई थी और उसके गोरे गोरे पैर के ऊपर काली पेंटी क्या मस्त लग रही थी।
फिर मैंने पेंटी को उतार दिया और उसके सूट को उतारने लगा तो वो मुझसे मना करने लगी और कहने लगी कि इसको रहने दो, कोई आ जाएगा तो जल्दी से पहना भी नहीं जाएगा। फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और अपनी पेंट को घुटनों तक नीचे कर लिया और थोड़ी देर उसके होंठो को चूसा और अब में लंड को चूत में डालने लगा। उसने अपने बाल साफ नहीं किए थे और मैंने झांट काट लिए थे तो वो देख रही थी कि उसकी चूत पर बाल है
और मेरा लंड एकदम चिकना दिख रहा था। फिर मैंने लंड रखा और धीरे से डालने लगा तो लंड थोड़ा सा अंदर गया तो उसके मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज़ आई और मुझे इस बार कुछ ज्यादा टाईट चूत लगी। फिर मैंने चोदना शुरू कर दिया और करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपनी पेंट को निकालकर फेंक दिया और में पूरा नंगा होकर उसे चोदने लगा। इस बार मैंने सोच लिया था कि आज देखना है
में कितनी देर में झड़ता हूँ और फिर में नीचे खड़ा हो गया और उसको बेड पर लेटाकर चोदने लगा। फिर 10-15 मिनट के बाद मैंने फिर से उसके पैरों को अपने कंधो पर रख लिया और चोदने लगा। फिर थोड़ी देर बाद में उसके ऊपर लेटकर चोदने लगा, ऐसे करते करते मुझे 1 घंटा हो गया। फिर मुझे लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो मैंने उससे पूछा कि क्या में अंदर ही निकाल दूँ तो उसने कहा हाँ और मैंने सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और तब जाकर मेरी पूरी टेंशन खत्म हुई कि चलो एक घंटे में ही सही, लेकिन में झड़ तो गया। फिर मैंने अपने दोस्तों से पूछा कि मेरा एक घंटे में होता है
कोई समस्या तो नहीं है
। फिर मेरे सभी दोस्तों ने यही कहा कि यह कोई समस्या नहीं बल्कि अच्छी बात है
, झड़ने में जितना ज्यादा समय लगता है
औरत को उतना ही मज़ा आता है
और वो कहने लगे कि हम तो बियर पीकर करते है
तो 10 -15 मिनट लगते है
और तब मैंने पूछा कि बियर पीने से क्या होता है
? तो उन्होंने कहा कि बियर पीने से मज़ा भी ज्यादा आता है
और टाईम भी ज्यादा लगता है
। फिर में सोचने लगा कि में बियर पीकर करूंगा तो कितनी देर लगेगी? में तो बहुत खुश हो गया कि चलो यह तो अच्छी बात है
कि मुझे ज्यादा देर लगती है
तो में छुपकर उसी रात को फिर से नीलम के पास चला गया। उसने मुझसे कहा कि दरवाजा बंद कर दो, कहीं कोई अंदर ना आ जाए। फिर मैंने दरवाजा बंद किया, उसने सूट और बिल्कुल टाईट पजामा पहन रखा था। मैंने उसका पजामा निकाल दिया और पेंटी को भी और फिर सूट को उतारने लगा तो वो मना करने लगी, लेकिन इस बार में नहीं माना और मैंने सूट को निकाल दिया। फिर वो बस ब्रा में रह गई थी, तो वो कहने लगी कि इसे रहने दो। फिर मैंने कहा कि जब सारे कपड़े उतार दिए है
तो अब इसे भी उतार दे। फिर मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, वाह क्या मस्त मस्त लग रही थी वो, में बता नहीं सकता। फिर मैंने अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए और अब हम दोनों नंगे थे, उसने कहा कि लाईट को बंद कर दो। मैंने लाईट को बंद कर दिया, लेकिन टी.वी. चल रहा था, जिसका उजाला हो रहा था। फिर मैंने उसे लेटा दिया तो देखा कि आज उसने अपनी चूत के बाल साफ कर रखे है
और उसकी गोरी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी।
में लंड डालने लगा तो उसने मुझसे कहा कि रूको मैंने बाल साफ किए थे तो थोड़ा कट गया है
। फिर उसने वहां पर एक कपड़ा लगा लिया और मैंने मोबाईल उठाया, तब मैंने देखा 9:30 का टाईम था और फिर अपना मोबाईल साइलेंट करके रख दिया और अब लंड को चूत के डालने लगा तो वो सिसकियाँ लेने लगी, आहहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ और फिर मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया और मैंने उसको फुल स्पीड से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया। आज तो मुझे कुछ ज्यादा ही टाईम लगता नज़र आ रहा था और में चुदाई करता रहा, कभी धीरे धीरे तो कभी फुल स्पीड से और वो कहती रही और कितना टाईम लगेगा? में कहता रहा 5 मिनट और ऐसे ही पता नहीं कितना टाईम निकल गया, वो इस बीच 5 – 6 बार झड़ चुकी थी, लेकिन में एक बार भी नहीं झड़ा था। अब वो मुझसे कहने लगी कि तू तो अपनी पत्नी को मार ही देगा। फिर मैंने बहुत सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और फिर उसके ऊपर ही लेट गया। तभी मैंने मोबाईल उठाकर टाईम देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गये। दोस्तों वो 12:16 का टाईम था और में है
रान रह गया कि मुझे इतना टाईम लग गया। दोस्तों यह तो हद ही हो गई थी और वो 2 मिनट के अंदर ही सो गई, लेकिन मुझे नींद नहीं आई और वो मुझसे चिपककर सो रही थी।
फिर 5 बजे मैंने उसे उठाया और कपड़े पहने और में चला गया, वो सर्दियों का समय था तो इतनी जल्दी कोई नहीं उठता था और सभी अंदर रूम में सोते थे और में अपने रूम में अकेला सोता था। अब में बाहर आकर अपने रूम में सो गया और अगले दिन 11 बजे उठा। फिर 3-4 दिन तक मेरे पेट और छाती में दर्द रहा और ऐसे ही मैंने 1 महीने में 17 बार उसकी चुदाई की और हर बार 30 मिनट से 1 घंटे तक का टाईम लगा। फिर वो 2 महीने के लिए अपने घर पर चली गई और हम फोन पर बातें करते थे और तब वो कहने लगी कि में तुमसे प्यार करती हूँ। फिर मैंने उससे कहा कि क्यों झूठ बोलती है
, पहले तो तू मुझसे कहती थी कि में अशोक से बहुत प्यार करती हूँ? तो उसने कहा कि वो तो में ऐसे ही कहती थी और कहने लगी कि उससे मेरी शादी जरूर हुई है
और मुझे यह भी पता है
कि मुझे उसके साथ ही रहना है
, लेकिन मुझे उससे कभी प्यार नहीं हुआ। फिर मैंने पूछा कि क्यों मुझसे प्यार कब से करने लगी? तो वो बोली कि पता नहीं, लेकिन तुम्हारे बिना मुझसे अब रहा नहीं जाता, मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लगता। अब मैंने उससे कहा कि मुझे तूने 1 चीज़ नहीं दी, तो उसने कहा कि मेरा सब कुछ तो मैंने तुझे दे दिया है
अब तुझे क्या चाहिए? तब मैंने उससे कहा कि मुझे तेरी गांड भी मारनी है
, तो उसने कहा कि ठीक है
अब की बार जब में वापस आउंगी तब कर लेना। फिर में तो उसके आने का इंतजार करने लगा और 2 महीने बाद वो घर आ गई। दोस्तों अब गर्मियो का मौसम आ गया था और रात को सब लोग देरी से बाहर आँगन में सोते थे और मैंने पहले से ही उसे फोन पर बता दिया था कि तू अपने रूम में सो जाना और दरवाजा खुला रखना और में रात को कभी भी आ जाऊंगा। फिर जब सब लोग सो गये तब रात को 2 बजे में उसके पास चला गया। मैंने देखा कि वो सो रही थी।
मैंने उसको हिलाया तो वो जाग गयी। फिर मैंने दरवाजा बंद किया तो वो उस समय पेटिकोट और ब्लाउज में थी।
फिर मैंने तुरंत उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे खींचकर उतार दिया। उसने पेंटी पहनी नहीं थी और फिर मैंने ब्लाउज को भी निकाल दिया। अब मुझे हुक खोलने आ गये थे। फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और वो बिल्कुल नंगी हो गयी और वो अपने हाथों से अपने बूब्स को ढकने लगी और मुस्कुरा रही थी।
मैंने उसके हाथ हटाए और उसके बूब्स को मसलने लगा और फिर चूसने लगा। उसके बूब्स में से दूध निकल रहा था, जो खट्टा सा लग रहा था और मुझे अच्छा नहीं लगा। फिर मैंने उसके रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दिया। उसने कहा कि गर्दन पर किस कर, मुझे गर्दन पर किस करवाना ज्यादा पसंद है
। में अब उसकी गर्दन पर किस करने लगा तो वो पागल सी होने लगी और मेरे बालों पर हाथ फेरने लगी और मेरी टी-शर्ट में हाथ डालकर मेरी कमर और छाती पर फेरने लगी। फिर मैंने कहा चल अब मेरे कपड़े उतार। फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी छाती पर किस करने लगी। फिर उसने मेरा लोवर भी निकाल दिया और अंडरवियर भी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। अब वो एकदम सीधी लेट गई। फिर मैंने एक तकिया लिया और उसकी गांड के नीचे लगा दिया। फिर में चूत में लंड डालने लगा। उसकी चूत बहुत टाईट लग रही थी और फिर फच की आवाज़ आई और लंड का टोपा अंदर चला गया। फिर मैंने लंड बाहर निकाला और अंदर किया और ऐसे ही धीरे धीरे मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, तब मैंने फुल स्पीड में चुदाई करना शुरू कर दिया और वो भी अपनी कमर को उठा उठाकर मज़े ले रही थी और थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई और थोड़ी देर बाद वो दोबारा अपनी कमर को उठा उठाकर चुदाई का आनंद लेने लगी और वो फिर से झड़ गई। इस बार 40 से 50 मिनट के बीच में भी उसके साथ ही झड़ गया और फिर हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे। मैंने कहा कि मुझे पानी पीना है
तो उसने मुझे ठंडे पानी की बोतल दे दी और मैंने पानी पिया। फिर उसने कहा कि मुझे भी पानी पीना है
तो मैंने कहा कि हाँ पी लो तो उसने कहा कि ऐसे नहीं तुम अपने मुहं में पानी डालो, लेकिन पीना मत, बस मुझे पिला देना। अब मैंने एक घूंट भरी और पानी मुहं में ही रखा। फिर उसने मेरे होंठो से अपने होंठ लगाए और वो मेरे मुहं का सारा पानी गटक गई। फिर मैंने कहा कि मेरा लंड मुहं में ले ले तो वो मना करने लगी। फिर मैंने उससे कहा कि बस तुम्हारा ऐसा ही प्यार है
क्या? फिर उसने कहा कि चल ठीक है
आ जा और अब में उसकी छाती के ऊपर आ गया। फिर उसने लंड पकड़ा और लंड का टोपा मुहं में ले लिया और में पीछे से उसका सर पकड़कर लंड को उसके मुहं में अंदर बाहर करने लगा। उसने पूरा मुहं नहीं खोला था, इसलिए उसके दाँत मेरे लंड पर चुभ रहे थे। फिर में उसके पास लेट गया और वो लेटे हुए मेरे लंड को सहला रही थी।
फिर मैंने कहा कि अब में गांड में करूंगा तो वो मना करने लगी। फिर मैंने कहा कि फोन पर तूने कहा था कि जो करना है
वो कर लेना। फिर उसने कहा कि ठीक है
, लेकिन पहले मेरी प्यास तो बुझा दे और फिर मैंने 15 मिनट तक उसकी चूत मारी। उसके बाद वो झड़ गई। फिर मैंने उससे कहा कि चल अब उल्टी लेट जा और वो उल्टी लेट गई। दोस्तों अब मेरे सामने उसकी गोरी गोरी गांड थी।
मैंने उसकी गांड में थूक लगाया और लंड को धीरे से अंदर डालने लगा। उसकी गांड बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मुझे लंड को डालने में बहुत ज़ोर लगाना पड़ा। अब बहुत मुश्किल से टोपा ही अंदर गया तो वो कहने लगी कि प्लीज धीरे करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है
। फिर मैंने कहा कि बस थोड़ी देर होगा, उसके बाद नहीं होगा और अब मैंने अपना लंड बाहर निकाला और थोड़ा और थूक उसकी गांड पर लगाया और फिर डालने लगा। इस बार लंड थोड़ा और अंदर चला गया तो वो हाथों से बेड की चादर को भींच रही थी और उसकी आँखो में आँसू थे। अब मैंने 3-4 बार अपने लंड को अंदर बाहर किया और फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा और थूक लगाया। इस बार लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया और मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए। फिर थोड़ी देर बाद उसकी गांड ढीली हो गई, जिसकी वजह से लंड बहुत आसानी से अंदर बाहर हो रहा था और जैसे चूत में अंदर होता है
वैसे ही जा रहा था और अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। दोस्तों में सच कहूँ तो इतना मज़ा मुझे चूत मारने में भी नहीं आया, में लगातार धक्के देकर उसकी गांड मार रहा था और फच फच की आवाज़ आ रही थी।
तभी उसने मुझसे कहा कि थोड़ा धीरे करो आवाज़ बाहर चली जाएगी, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अपनी स्पीड को कम नहीं किया। फिर करीब 1 घंटे तक उसकी गांड मारने के बाद मैंने सारा वीर्य उसकी गांड में ही निकाल दिया। फिर ऐसे ही मैंने 1 महीने में उसकी 15 बार चुदाई की, जिसमें से 5 बार उसकी गांड मारी और फिर उसके बाद में अपनी पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गया ।। और … +0 साली से मस्त चुदाई की ट्रैनिंग एक अंजान लड़की बनी सेक्स पार्टनर .