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free hot group sex chudai ki stories चुदाई के लिए एक लंड काफी नहीं – 2

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Latest sotry by : – मीनू गुप्ता … “चुदाई के लिए एक लंड काफी नहीं – 2” से आगे की कहानी … है

ल्लो दोस्तों, मैंने पार्ट 1 और पार्ट 2 में आपको बताया कि कैसे हमने अदला बदली करके चुदाई की प्लानिंग की थी? और अब में निशा के पति से आकाश से चुद रही थी और निशा मेरे पति अमन से चुदी थी।

अब आगे की कहानी कुछ ऐसे है

अब निशा और में डिनर करने के बाद वॉक कर रहे थे, तभी अचानक से निशा की नज़र उस बीच वाले लड़के पर पड़ी जिसे हमने मूठ मारने में मदद की थी।

अब वो अपनी मम्मी-पापा के साथ ही था, अब वो लोग भी डिनर करके वॉक ही कर रहे थे। अब मुझे उसकी मम्मी का चेहरा कुछ जाना पहचाना लग रहा था, फिर मैंने कुछ देर तक ध्यान से देखा तो मुझे लगा कि शायद वो मेरी स्कूल की फ्रेंड नीता है

, लेकिन थोड़ा कन्फ्यूजन था। अब वो भी मुझे देखकर रुक गयी थी और पहचानने की कोशिश कर रही थी।

फिर अचानक से उसने पूछा मीनू? तो मैंने उससे पूछा नीता? और फिर हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगाकर अपने स्कूल के दिन याद किए। फिर उसने हमें अपने पति दीपक से मिलाया और अपने बेटे से भी हमारा परिचय करवाया, उसके बेटे का नाम राहुल था। अब राहुल की तो हालत ही खराब थी ये देखकर कि में उसकी माँ को जानती हूँ, अब वो साईड में पीछे खड़ा हुआ था। फिर मैंने भी उन लोगों को मेरी फ़्रेंड निशा से मिलाया, वो लोग भी हाल फिलहाल ही हमारी सिटी में ही शिफ्ट हुए है

। फिर थोड़ी देर तक हमने बात की, अब मुझे लगा कि मेरे पति के आने से पहले में उन्हें अभी जल्दी से बाय बोल देती हूँ, नहीं तो बाद में कन्फ्यूजन होगा कि कौन किसका पति है

? फिर मैंने नीता से उसका नंबर लिया और फिर हम उन्हें बाय बोलकर अपने-अपने में रूम चले गये। फिर निशा और मैंने सोचा कि मैसेज करके अपने-अपने पति को बुलाया जाए। फिर मैंने आकाश को मैसेज किया कि 10 मिनट के अंदर रूम में आ जाओ और हाँ अपना लंड हाथ में लेकर आना। फिर निशा ने भी मेरे सामने ही अमन को मैसेज किया कि गांड में बहुत खुजली हो रही तुम्हें जितनी ड्रिंक करनी है

करो, लेकिन पहले अपने लंड को देकर जाओ। फिर थोड़ी देर में वो दोनों आ गये और फिर हम अपने-अपने रूम में चले गये। अब रूम में आते ही आकाश ने अपना लंड बाहर निकाला। मीनू : इंतजार करो और फिर मैंने शहद की बोतल निकाली जो में अपने साथ लेकर आई थी और जल्दी से अपने सारे कपड़े निकालकर बेड पर लेट गयी और शहद की बोतल को अपनी चूत में डाल दिया। मीनू : ये लो, तुम बीच में अच्छे से चूस नहीं पाए थे ना, लो अब इन्जॉय करो और मुझे भी मज़े दो। फिर आकाश ने भी अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और जल्दी से मेरी चूत में अपना मुँह दे दिया। फिर वो सारे शहद को लप-लप करके चाट गया और उसने साथ में ही मेरी चूत पर ज़ोरदार प्रहार किया और अपनी उंगलियों को मेरी चूत में अंदर डाल दिया और अपने मुँह से मेरी मूतने वाली जगह पर चाटने लगा। अब मेरी बॉडी में एक अजीब ही सिहरन हो रही थी।

फिर उसने अपनी उंगली की स्पीड और तेज की और मेरी पूरी चूत को और भी ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। अब में भी जल्द ही झड़कर अपना पानी छोड़ने लगी थी और वो मेरा पूरा पानी चूसता गया। अब एक बार झड़ने के बाद भी वो आज मेरी चूत को चोदने वाला नहीं था। फिर उसने और भी तेज़ी से मेरी चूत को चूसना शुरू किया। फिर मैंने उसे 69 की पोज़िशन में आने को कहा और वो जल्दी ही पोज़िशन में आकर फिर से मेरी चूत को खाने लगा। अब वो मेरी चूत को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई भूखा बच्चा अपनी माँ के दूध के लिए चूचियों को चूसता हो। फिर मैंने भी उसके लंड को अपने मुँह में डाल लिया, अब शहद की बोतल मेरे पास में ही थी इसलिए मैंने भी थोड़ा शहद इस बार उसके लंड पर लगाया और चाटने लगी। अब शहद तो जल्द ही ख़त्म हो गया था, अब वो जितनी स्पीड से मेरी चूत को चूस रहा था, तो में भी उसके लंड को मस्ती से चूस रही थी।

फिर मैंने उसके लंड को अपने मुँह से चूसते हुए उसकी गांड के होल में अपनी उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगी। अब उसकी गांड में मेरी उंगली जाते ही उसकी बॉडी भी काँपने लगी थी।

अब मैंने भी अपनी स्पीड चालू रखी और अपने मुँह से उसके लंड को चूस रही थी और अपनी उंगली से उसकी गांड को चोद भी रही थी।

अब साईड में टेबल पर केले रखे हुए थे तो मैंने उसमें से दो केले लिए और एक उसे दे दिया और दूसरे केले को छिलकर उसकी गांड में डालने लगी। अब केला अंदर जाने से पहले ही टूटे जा रहा था और केले का टूटा हुआ भाग उसकी गांड के अंदर चला जा रहा था। फिर जब वो गांड के छेद को खोलता तो केले का टुकड़ा वहाँ से बाहर आ जाता। अब ऐसे ही मैंने पूरे केले को उसकी गांड में डाला और उसकी गांड से बाहर निकाल दिया। अब उसकी गांड काफ़ी चिकनी हो गयी थी।

अब मैंने वाइब्रेटर बाहर ही निकालकर रखा था तो मैंने उसे उठाया और उसकी गांड में घुसा दिया। अब केले से जो फिसलन बनी थी उसके कारण वाइब्रेटर आसानी से उसकी गांड के अंदर चला गया था। फिर मैंने एक बार और ज़ोर लगाया तो पूरा वाइब्रेटर उसकी गांड में चला गया। फिर मैंने वाइब्रेटर का स्विच ऑन कर दिया और जब वो वाइब्रेट करने लगा तो आकाश भी वाइब्रेट करने लगा। फिर मैंने वाइब्रेटर को एक हाथ से पकड़कर उसका लंड फिर से अपने मुँह में लिया। अब इस बार आकाश की झड़ने की बारी थी तो उसने अपना पूरा पानी मेरे मुँह पर ही छोड़ दिया, लेकिन इस बार उसका लंड ढीला भी नहीं हुआ था। अब इतना काम करने के बाद भी उसका लंड अभी भी टाईट ही था। अब में भी उसका लंड चूसती रही और उसके वीर्य की एक एक बूँद को चाटती रही। अब उधर वो केले को मेरी चूत में डालकर फिर उसी केले को अपने मुँह से निकालकर खा भी रहा था। अब में भी फिर से गर्म हो रही थी और अपना पानी छोड़ने को तैयार थी, लेकिन आकाश ने अपनी स्पीड अभी भी बरकरार रखी थी।

अब में फिर से अपना पानी छोड़ने लगी और इस बार मैंने बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा था, अब आकाश फिर से मेरा सारा पानी चूस रहा था। मीनू : आकाश, मुझे मूतना है

। आकाश : मुझे भी मूतना है

, मेरी गांड से वो वाइब्रेटर बाहर निकालो नहीं तो में पागल हो जाऊंगा। फिर मैंने वो वाइब्रेटर उसकी गांड से बाहर निकाल दिया, फिर मैंने उसके लंड को थोड़ी देर तक छोड़ दिया, ताकि वो मूतने के लिए नॉर्मल हो सके और फिर वो बेड पर लेट गया। आकाश : आजा मेरे मुँह में मूत ले, मुझे तुम्हारा मूत भी पीना है

। फिर मैंने उसके मुँह पर अपनी चूत को रखा और मूतने लगी। अब मेरा मूत रुक-रुककर आ रहा था और काफ़ी आवाज़ के साथ निकल रहा था। अब आकाश मेरा पूरा मूत पी भी नहीं पा रहा था, फिर मैंने उसके पूरे चहेरे को निशाना बनाकर मूतना शुरू किया और उसके पूरे चेहरे को गीला कर दिया, अब में काफ़ी देर तक मूतती रही। फिर आकाश खड़ा हुआ और वो भी मेरे मुँह को निशाना बनाकर मूतने लगा। अब में भी उसके मूत की धार को पूरी तरह से नहीं पी पा रही थी इसलिए वो बीच-बीच में अपने लंड को पकड़कर मेरी पूरी बॉडी पर मूतने लगा। अब उसने उसके मूत से मुझे पूरा नहला दिया था। फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके लंड को फिर से अपने कब्ज़े में ले लिया। फिर थोड़ी देर तक चूसने में ही उसका लंड फिर से फनफनाने लगा। अब इस बार में उसके ऊपर बैठ गयी और अपनी चूत को उसके लंड के निशाने पर रखा और उसका लंड अपनी चूत में ले लिया। अब में धीरे-धीरे अपनी चूत से उसके लंड को रगड़ने लगी थी।

अब उसने भी मेरी चूचीयों को कसकर पकड़कर मसलना शुरू कर दिया था। अब में धीरे-धीरे और भी गर्म होने लगी थी तो मैंने अपनी स्पीड बढाई और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर लेने लगी थी।

अब जब मेरी चूत नीचे जाती तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में अंदर जा रहा था। अब में थक गयी थी, लेकिन ये मज़ा लेना भी ज़रूरी था क्योंकि फिर कल से तो मुझे अपने ही पति का लंड मिलने वाला था इसलिए में बिना रुके और भी ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड पर अपनी चूत देने लगी। अब उसने मेरी चूची को पूरी ताक़त से दबा रखा था। फिर मैंने अपनी चूची को उसके हाथ से अलग किया और उसके लंड पर सीधी बैठकर अपने हाथों को पीछे करके उसके लंड की सवारी करने लगी। अब मेरी चूचीयाँ मेरी स्पीड के साथ ही उछल रही थी।

अब आकाश से रहा नहीं गया और उसने थोड़ा उठकर मेरी चूचीयों को फिर से दबोच लिया और मसलने लगा। अब मैंने और भी तेज़ी से उसके लंड पर धक्का देना शुरू कर दिया था, अब वो थक चुका था और अब थककर लेट गया था, लेकिन फिर भी मैंने अपनी स्पीड बनाए रखी। फिर अचानक से आकाश उठा और मुझे पकड़कर नीचे कर दिया और मेरी टाँगे पूरी फैलाकर मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से थप थपाया और अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। अब धक्के खाने की बारी मेरी थी, अब उसे देखकर लग रहा था कि वो काफ़ी थक गया है

, लेकिन मेरी चूत को चोदने में उसने वो थकान नहीं दिखाई। अब वो काफ़ी स्पीड से मेरी चूत को धक्के दे रहा था, अब मेरी भी चूत की हालत खराब हो रही थी।

अब बस जल्दी से हम दोनों पानी छोड़ दें बस यही सोच रही थी।

अब वो मेरी बुर को चूत, चूत, चूत बोलकर फाड़ रहा था। फिर उसने पास पड़ा हुआ वाइब्रेटर उठाया और मेरी गांड में डाल दिया और मेरी चूत को वैसे ही चोदता रहा। अब मेरी गांड और चूत में एक साथ ज़ोरदार चुदाई से में पूरी तरह गर्म हो गयी थी।

फिर कुछ ही देर में आकाश ने अपने लंड का पानी छोड़ दिया और में भी उसके साथ ही फिर से झड़ गयी। फिर हम दोनों चिपक कर लेट गये, अब में इतनी थकी हुई थी कि अब मेरा ये भी मन नहीं किया कि अपनी चूत से रस निकालकर पी जाऊं। अब हम दोनों बस ऊपर देखकर गहरी साँसे ले रहे थे। फिर आकाश ही उठा और वाईन गिलास लेकर आया और मेरी चूत के पास जाकर मिक्स रस को गिलास में भरने लगा और मुझे पीने को दिया और में भी उसे थैंक्स बोलकर फिर से मिक्स रस को गटक गयी। फिर लास्ट के थोड़े पानी को अपने मुँह में लेकर में आकाश की और गयी और उसे किस करते हुए वो स्पर्म उसके मुँह में भर दिया, तो वो भी चटकारे लेते हुए मिक्स रस पी गया और फिर हम थोड़ी देर तक और किस करते रहे। अब हमारी बेडशीट काफ़ी गंदी हो गयी थी, फिर हमने थकी हुई हालत में बस बेडशीट हटाई और ऐसे ही सो गये। अब कोई हमारे रूम में आ जाता तो उसे ऐसा लगता कि जैसे दो जानवर प्यार कर रहे थे, हाँलाकि मैंने कुछ ऐसा नहीं किया था जो मैंने अमन के साथ नहीं किया हो, अब में पूरे दिन की चुदाई से बहुत संतुष्ट थी।

फिर हम दोनों नंगे ही सो गये और जब मेरी आँख खुली तो सुबह के 7 बज रहे थे। फिर मैंने आकाश को उठाया और फ्रेश होने को बोला। अब 8 बजे तक हम सब फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट पर जाने वाले थे और फिर चैकआउट करके घर जाना था। फिर जब हम तैयार हुए तो मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो मैंने देखा कि उसमें अमन का मैसेज है

कि वो ब्रेकफास्ट टेबल पर है

और वहीं मिले। फिर जल्दी से हम भी ब्रेकफास्ट के लिए निकल गये। अब अमन और निशा भी काफ़ी थके हुए लग रहे थे। अमन कभी एक्सट्रा स्पीड में नहीं चोदता है

, लेकिन काफ़ी लंबी देर तक चोदता रहता है

, तो शायद वो लोग ज़्यादा रात तक चुदाई कर रहे होंगे, इसलिए अब हम चारों ही थके हुए नज़र आ रहे थे। फिर सबने पहले कॉफी पी और फिर अमन ने सबके लिए ऑरेंज जूस अलग से ऑर्डर किया। अब काफ़ी देर तक हम टेबल पर धीरे-धीरे आराम करते हुए ब्रेकफास्ट कर रहे थे। अमन : जैसा कि प्रॉमिस किया गया था कि कोई किसी से कल क्या हुआ नहीं पूछेगा और ना बताएगा? अब आगे हमें ये लगातार करना है

या नहीं, इसके लिए यह लो 4 चिट है

सब अपनी अपनी पसंद लिखो। यदि किसी एक का भी मन लगातार करने का नहीं है

तो हम इसे भूल जाएगें और आगे से कभी नहीं करेंगे और यदि सबका मन आगे भी करने का है

तो फिर आगे प्रोग्राम का प्लान किया जाएगा, कोई कुछ बताना चाहता है

तो वो भी लिख दें। फिर हम सबने चिट पर अपनी पसंद लिखी, फिर अमन ने सबकी चिट पढ़नी शुरू की। चिट 1 : (निशा) हाँ कंटिन्यू करते है

और इसे और भी मजेदार बनाने की प्लानिंग करते है

। चिट 2 : (आकाश) हाँ प्लीज़ कंटिन्यू करो, हमें इसकी काफ़ी ज़रूरत है

। चिट 3 : (अमन) हाँ ये कंटिन्यू होना चाहिए और कभी प्लानिंग करते है

जहाँ न्यूड बीच हो। चित 4 : (मीनू) हाँ कंटिन्यू करते है

और इस ग्रुप में और भी लोगों को शामिल करने की कोशिश करते है

। अब हम चारों काफ़ी खुश थे कि सब इसे कंटिन्यू करना चाहते है

। अब सब अपनी तरफ से कोशिश करेंगे कि अपने खास दोस्तों से पूछकर ग्रुप की साईज़ बढाई जाए। तभी मैंने सामने देखा कि नीता, दीपक और राहुल आ रहे थे। फिर मैंने उन्हें अमन से मिलाया और आकाश से भी मिलाया। फिर मैंने अमन को बताया कि ये मेरी स्कूल दोस्त है

और अभी नयी-नयी हमारी सिटी में आई है

और दीवाली हॉलिडे मनाने यह भी यहीं रुकी हुई है

। फिर हमने उन्हें भी टेबल शेयर करने बोला और फिर इधर उधर की बातें करते हुए हमने ब्रेकफास्ट किया। अब मुझे राहुल काफ़ी डरा-डरा लग रहा था, फिर मैंने उसे स्माइल दी और इशारा किया कि डरने की कोई बात नहीं है

, इन्जॉय। स्कूल में नीता सबसे सुंदर लड़कियों में से थी, जब कल राहुल बता रहा था कि उसकी माँ की चूचीयाँ मेरे से और निशा से भी ज़्यादा बड़ी है

, वो झूठ नहीं बोल रहा था। नीता साड़ी पहने हुए थी, उसके बूब्स सच में काफ़ी बड़े थे, शायद उसका ब्लाउज उसके बूब्स को संभाल नहीं पा रहा था। दोस्तों ये कहानी आप urzoy latest new hindi sex stories पर पड़ रहे है

। अब उसके बूब्स का काफ़ी हिस्सा ब्लाउज के बाहर आ रहा था। फिर मैंने देखा कि अमन और आकाश भी उसके बूब्स को निहार रहे है

। अब हमारी प्लानिंग जल्दी चैकआउट करके घर जाने की थी इसलिए हम उन्हें बाय बोलकर अपने रूम में जाने लगे। फिर मैंने नीता को बोला कि घर पहुँचकर फोन करे। फिर हम लोगों ने होटल से चैकआउट किया और अपने अपने घर की और चल पड़े, हमारा सेक्स से भरपूर एक दिन काफ़ी अच्छा रहा था। अब कार में में अमन के साथ ही बैठी थी, अब हम नॉर्मल कपल थे और हमने वादा भी किया था तो हमने बीते दिन की कोई बात भी नहीं की। फिर आकाश और निशा ने हमें अपने घर पर ड्रॉप किया और बाय करके अपने घर चले गये। फिर मैंने अमन को इस ट्रिप के लिए थैंक्स बोला और अपने रूम में चले गये। अब मुझे अमन पर बड़ा प्यार आ रहा था तो मैंने उसे इशारा किया कि मुझे उसका लंड चाहिए। फिर मैंने आरव का रूम चैक किया, तो वो अभी तक सो ही रहा था शायद लेट नाईट तक वीडियो गेम खेल रहा होगा। मीनू : अमन, आरव सो रहा है

तो प्लीज़ एक बार। अमन : जैसी तुम्हारी इच्छा मीनू, लेकिन बस चूस लो अभी मुझमें इतनी ताक़त नहीं है

कि में तुम्हें चोदूं। मीनू : अभी चूत की चुदाई की ताक़त तो मुझमें भी नहीं है

, बस चूस लेने दो। फिर हम अपने बेडरूम में गये और फिर मैंने अमन की पैंट खोली। मीनू : अमन, में अपनी टॉप और ब्रा निकाल दूँ, तुम मेरी नंगी चूची देखना चाहोगे या ऐसे ही काफ़ी है

। अमन : हाँ निकाल दो, तभी तो लंड जल्दी से तैयार हो पाएगा, नहीं तो मेरा लंड भी काफ़ी थका हुआ है

। फिर मैंने अपना टॉप निकाला और अपनी ब्रा भी खोलकर बेड पर रख दी। अब अमन बेड पर बैठा हुआ था और में नीचे बैठकर उसके लंड के साथ खेल रही थी।

अब मेरा चेहरा बेडरूम के दरवाज़े की और था तो मैंने देखा कि हम जल्दी-जल्दी में बेडरूम का दरवाज़ा लगाना भी भूल गये है

। फिर मैंने सोचा कि आरव तो सो ही रहा है

, तो मैंने लंड के साथ खेलना जारी रखा। अब उसके लंड की हालत देखकर लग रहा था कि उसने निशा की जमकर गांड मारी है

। फिर मैंने उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। अब में उसके बॉल्स को अपने हाथों से सहलाते हुए उसके लंड को चूस रही थी।

अब उसके लंड के सुपाड़े से जो भी वीर्य निकल रहा था, में उसे चूस-चूसकर साफ कर रही थी।

फिर मैंने एक सिगरेट जलाई और उसका धुआँ अमन के लंड पर डालने लगी। अब में सिगरेट का एक कश लेती और उसके धुए को अमन के लंड पर डाल देती और फिर कुछ देर तक उसके लंड को चूसती रहती और फिर ये सिलसिला सिगरेट ख़त्म होने तक चलता रहा। अब अमन भी तब तक गर्म हो चुका था, अब वो भी अपने हाथों से मेरी चूचीयों को दबा रहा था और वो भी बीच-बीच में मेरी सिगरेट लेकर धुवें को अपने लंड पर ही डाल रहा था। फिर अचानक से मेरी नज़र दरवाज़े की और गयी तो मैंने देखा कि आरव छुपकर सब देख रहा था। अब मुझे लगा कि ये काफ़ी नाजुक स्थिती है

, हमें दरवाजा लगा ही लेना चाहिए था। अब यदि में अमन के लंड को छोड़ देती, तो अमन को मालूम चल जाता कि क्यों मैंने लंड चूसना बंद किया है

? और फिर पता नहीं वो कैसे बर्ताव करता? और अमन का लंड चूसना चालू रखूं तो आरव वहाँ से हट भी नहीं रहा था। अब वो छुप-छुपकर सब देखने की कोशिश में था। फिर मैंने सोचा कि अब तो उसने अपनी माँ का ये रूप देख ही लिया तो मैंने अमन के लंड को चूसना चालू रखा, लेकिन अब में और भी स्पीड में चूसने लगी थी।

अब अमन भी मेरी स्पीड से गर्म हो गया और आवाज़े निकालने लगा था। अब में बोल भी नहीं पा रही थी कि हमारा बेटा हमें देख रहा है

। अब अमन भी मस्त होकर अपना लंड चुसवा रहा था और अब में भी सब भूल गयी थी कि में अपने बेटे को दिख रही हूँ और फिर में अमन के लंड को चूसने में लग गयी। फिर थोड़ी देर में अमन झड़ने लगा और उसने अपना सारा रस मेरे मुँह में ही डाल दिया। फिर जब मैंने दरवाजे की और देखा तो अब आरव वहाँ से जा चुका था। फिर मैंने भी आराम से सारा स्पर्म पी लिया, अब में अमन को बताना नहीं चाहती थी कि हमने जल्दी-जल्दी में अपने बेटे को शो दिखा दिया है

, इसलिए मैंने उससे इस बारें में कोई बात नहीं की। फिर अमन ने फिर से अपनी पैंट पहनी और दरवाज़े की और देखकर बोला कि मीनू हमें दरवाज़ा बंद कर लेना चाहिए था, यदि आरव देख लेता तो। फिर मैंने भी बोल दिया कि में जल्दी-जल्दी में देखना ही भूल गयी थी, अब हम आगे से ध्यान रखेंगे। फिर मैंने आरव से भी नॉर्मल ही बर्ताव किया, अब वो भी नॉर्मल बर्ताव कर रहा था। अब मैंने उसे पता नहीं लगने दिया था कि जब वो हमें देख रहा था, तो मैंने उसे देख लिया था और अब आरव भी नॉर्मल था कि उसने चुपके से यह शो देख लिया है

और किसी को कुछ मालूम भी नहीं पड़ा है

। अब मुझे एक अजीब सी ख़ुशी भी थी कि में अमन का लंड चूस रही थी, मेरी चूचीयाँ बाहर थी और आरव सब देख रहा था पता नहीं क्यों? लेकिन इस वजह से एक ख़ुशी भी थी।

फिर अगले दिन सुबह हमारी छुट्टियाँ ख़त्म थी तो अमन ऑफीस गये और आरव कॉलेज चला गया ।। और … +0 चुदाई के लिए एक लंड काफी नहीं – 2 रास्ते वाली भाभी की चूत में झटका लगाया .

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