WATCH 1000'S OF INDIAN SEX ADULT WEB SERIES

hd prom bhai behan ki chudai dikhaye video may सुंदर भान्जी के साथ चुदाई

views

Latest sotry by : – माधुरी … है

ल्लो दोस्तों, यह मेरी urzoy latest new hindi sex stories पर पहली कहानी है

और अगर मुझसे कोई ग़लती हुई तो मुझे माफ़ करना। दोस्तों मेरा नाम माधुरी है

और में पुणे की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र करीब 24 साल है

। मेरी मम्मी और पापा का तलाक हुआ था, तब मेरी उम्र करीब दस साल की थी और अब तक मैंने अपनी माँ को कई लोगों से चुदते हुए देखा था इसलिए मुझे भी अब चुदाई करने की इच्छा होने लगी थी और फिर भी में कभी कभी अपनी चूत में उंगली करके चुप बैठ जाती। मेरी माँ कुछ घरों में काम करती थी, लेकिन मैंने वहां भी उनको कई बार चुदते हुए देखा था और कई बार तो मैंने उनको एक साथ तीन तीन लोगों से चुदते हुए देखा था और उनकी इतनी जबरदस्त चुदाई को देखकर मेरी चूत में आग सी लगने लगती। में उनकी चुदाई को देखकर बिल्कुल पागल सी होने लगती और फिर में अपनी चूत को किसी ना किसी तरह शांत करती। दोस्तों अब में आप सभी को अपनी चुदाई की कहानी को थोड़ा विस्तार से बताती हूँ, जिसमे मैंने अपनी चूत को पहली चुदाई करवाकर शांत किया और उस चुदाई ने मेरी जिन्दगी को बदलकर रख दिया। में उम्मीद करती हूँ कि यह आप सभी को अच्छी भी लगेगी। अब आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए में अपनी कहानी पर आती हूँ। दोस्तों एक दिन मेरी माँ ने मुझसे कहा कि में आज 20 दिन के लिए बाहर घूमने जा रही हूँ। में : लेकिन किसके साथ? माँ : में जहाँ पर काम करती हूँ, उन्ही के साथ में बाहर जा रही हूँ। तो में समझ गई कि माँ अब बाहर जाकर चुदने वाली है

और वो इस वजह से ही बाहर जाने वाली थी।

में : और साथ में कौन-कौन है

? माँ : शर्मा अंकल और उनके कुछ रिश्तेदार भी है

। दोस्तों अब तो उनका यह जवाब सुनकर मेरा शक़ हक़ीकत में बदल गया, क्योंकि मैंने उनके ही घर में उनसे और उनके कुछ दोस्तों के साथ माँ को बहुत बार चुदते हुए देखा था। में : क्यों आप लोग कब जाने वाले हो और कितनी बजे? माँ : में बस अभी तैयार होकर जाने वाली हूँ और तू मेरे जाने के बाद घर को ठीक से संभालना और रात को दरवाजा बिल्कुल भी नहीं खोलना, में तुझे यह सारी बातें जाते हुए समझा रही हूँ और इन बातों का ध्यान रखना। फिर माँ कुछ देर में तैयार हो गई और करीब 3:00 बजे माँ बाहर निकली तो मैंने माँ से कहा कि में भी बाहर आती हूँ तुम्हे छोड़ने के लिए, लेकिन माँ ने मुझे कहा कि नहीं और मेरे ज्यादा कहने के बाद बोली कि ठीक है

और माँ ने अंकल को कॉल करके बोला कि में आ रही हूँ, कब निकलना है

? तो वो बोले अभी और फिर माँ ने उन्हे बताया कि में उनको छोड़ने आ रही हूँ। फिर वो बोले कि ठीक है

और हम दोनों अंकल के घर पर चले गये। माँ और अंकल गाड़ी में बैठ गये तो में भी उनके सामने से घर जाने के लिए वापस घूमी तो उनको लगा कि में घर चली गई हूँ और मैंने अपनी गाड़ी को थोड़ा आगे की तरफ खड़ा किया और फिर मैंने छुपकर देखा कि दो लोग गाड़ी में बैठ गये और फिर वो चले गये। फिर में भी अपने घर पर आ गई और वहीं सब सोचने लगी जो मेरी माँ अधिकतर समय किसी भी गेर मर्द के साथ करती थी और यही सब सोचकर में भी गरम हो गई और अपनी चूत को अपने एक हाथ से सहलाकर शांत करने की कोशिश करने लगी। में सोच रही थी कि काश कोई मुझे भी चोदता और अब में चुदने के लिए एकदम तैयार थी, लेकिन में बदनामी की वजह से चुप रहती थी।

तभी मुझे अपने दरवाजे पर कुछ आहट सुनाई दी और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर एक भिखारी दरवाजे पर आया हुआ था। उसने मुझसे खाने के लिए रोटी मांगी तो मैंने किचन में जाकर उसे खाना लाकर दिया और उसको हमारे दरवाजे पर बैठकर खाना खाने के लिए कहा। फिर वो दरवाजे पर बैठकर खाना खाने लगा और उसका खाना पूरा होने तक मेरी नजरे बार बार उसके लंड की तरफ जा रही थी और जब उसका खाना खत्म हुआ तो उसने मुझसे पीने के लिए पानी माँगा। फिर मैंने उसे पानी देते वक़्त अपनी ड्रेस की चुनरी को जानबूझ कर नीचे गिरा दिया और फिर वो मेरे बूब्स की लाईन को देखने लगा। मेरे थोड़ा झुकने से मेरे बूब्स और भी बाहर आने लगे और उसे अपनी तरफ आकर्षित करने लगे तो मुझे लगा कि अब मेरा निशाना एकदम ठीक लग रहा है

, क्योंकि उसकी नजरे मेरे बूब्स से हटने को तैयार ही नहीं थी, वो मुझे खा जाने वाली नजरों से लगातार घूर रहा था। फिर जब तक उसने पानी पिया तब तक मैंने अपनी चुनरी को ठीक कर लिया था और अब धीरे धीरे रात होने को आई थी और वो सर्दियों का महिना भी था। फिर वो मुझसे बोला कि क्या में यहीं पर सो जाऊँ। हमारे घर में थोड़ा खुला आंगन था और एक दरवाजा भी था, लेकिन दरवाजा एक साईड होने के कारण ज्यादातर नहीं दिखता था। फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है

और में दरवाजा लगाकर अंदर आ गईं, लेकिन अब भी मेरे दिमाग़ में वो सब आ रहा था और में बार बार सोच रही थी कि उसका लंड कैसा होगा? कितना मोटा, लंबा होगा और में यह सब बातें सोच सोचकर अब तक बहुत गरम हो गई थी और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। फिर मैंने दरवाजा खोलकर देखा कि क्या वो सो गया है

? तो मैंने देखा कि वो अभी तक जाग रहा था। मैंने उससे कहा कि अंदर सो जाओ नहीं तो तुम्हे बाहर ठंड लगेगी। फिर वो पहले बोला कि नहीं में यहीं पर ठीक हूँ और मेरे थोड़े बहुत कहने के बाद वो सोने के लिए अंदर आ गया। फिर मैंने उससे कहा कि तुम सबसे पहले नहा लो बाथरूम में गरम पानी रखा हुआ है

, उसके बाद में तुम्हे सोने के लिए कुछ देती हूँ। फिर वो बोला कि नहीं में यहीं पर ऐसे ही ठीक हूँ और उसने अपना एक कपड़ा नीचे जमीन पर बिछाया और वहीं पर सो गया। में अब उसके लंड के लिए तड़प रही थी, में उसकी तरफ मुहं करके लेट गई और ना जाने कब मुझे नींद आ गई और वो रात किसी ना किसी तरह निकली और सुबह उठकर वो चला गया। फिर मैंने सबसे पहले अपनी बाथरूम में जाकर अपनी चूत के बाल साफ किए और फिर नहाकर तैयार हो गयी। दोस्तों में घर पर अधिकतर समय सलवार कमीज़ पहनती थी, उसके अंदर कभी कभी ब्रा और पेंटी, लेकिन उस दिन मैंने अपने घर के सारे दरवाजे और खिड़कियां बंद ही रखी और पूरे घर में बिल्कुल नंगी ही घूमती रही। फिर माँ की एक साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट निकाला और उसे पहन लिया, क्योंकि मुझे अपनी एक तस्वीर निकालनी थी इसलिए और फिर मैंने अपने मोबाईल से एक एक कपड़ा उतारकर तस्वीर निकाली और फिर अपनी ड्रेस पहन ली। उसके बाद urzoy latest new hindi sex stories पर सेक्सी स्टोरी पढ़ने लगी। मुझे इसकी कहानियाँ पढ़कर अपनी चूत में उंगली करके उसे शांत करने में बहुत मज़ा आता है

। तभी किसी ने दरवाजा बजाया और मैंने दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो वहां पर मेरा कॉलेज का एक दोस्त था। हम 12th में एक साथ पढ़ते थे। फिर वो मेरे कहने पर अंदर आकर बैठ गया। मैंने उसे किचन से पानी लाकर दिया और हमने कुछ देर बातें की और फिर वो कुछ देर बाद चला गया। में फिर से बिल्कुल अकेली बैठी हुई थी और मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? मुझे अपनी चूत चुदवाने की तो बहुत इच्छा हो रही थी और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था इसलिए में थोड़ी देर बाहर घूमने आई और सोचा कि थोड़ा घूमकर अपनी चूत को शांत कर लूँ। फिर में बाजार गई और मैंने कुछ सब्जियां ली। फिर अपने घर की तरफ जा रही थी तो मेरे एक दोस्त का घर रास्ते में ही था तो में वहां पर चली गयी। उनके घर का दरवाजा अंदर से बंद था तो मैंने सोचा कि शायद वो सो रही होगी इसलिए में खिड़की से आवाज़ देने चली गई। फिर मैंने देखा कि उसके घर की खिड़की आधी खुली हुई थी और में अंदर देखकर बिल्कुल दंग रह गई, क्योंकि वो हमारे टीचर के साथ चुदवा रही थी और में बहुत देर तक वो सब देखती ही रही और उनका काम पूरा होने तक देखती रही, लेकिन अब तक में बहुत गरम हो गई थी।

फिर कुछ देर बाद टीचर वहां से चले गये और में उसके घर के अंदर चली गई। वो उस समय बाथरूम में नहा रही थी।

मैंने उसको आवाज़ दी तो वो बोली कि में अभी फ्रेश हो रही हूँ, तुम थोड़ी देर रुको और में बाहर के रूम में बैठ गयी, लेकिन मेरी आँखों के सामने वही सब चुदाई के सीन आ रहे थे, जिनको सोच सोचकर में गरम होने लगी थी।

फिर कुछ समय बाद वो नहाकर बाहर आई और हम दोनों बातें करने लगे और फिर में थोड़ी देर बाद वहां से अपने घर की तरफ निकली और मुझे घर पर जाते वक़्त वो टीचर भी रास्ते में मिले, लेकिन मैंने उनको नहीं बताया कि मैंने उनको अभी कुछ समय पहले मेरी दोस्त की चुदाई करते हुए देखा था, लेकिन ना जाने कब उन्होंने मुझे देख लिया था। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों तुमने हमारी चुदाई देखी है

ना? तो मैंने कहा कि नहीं सर, लेकिन उन्होंने कहा कि तुमने हमे चुदाई करते समय कब से कब तक देखा यह सब मुझे पता है

, क्योंकि मैंने तुम्हे देख लिया था। अब मेरे पास उनकी इस बात का जवाब नहीं था और फिर उन्होंने कहा कि मेरे घर चलो मुझे तुमसे कुछ बातें करनी है

। फिर मैंने उनको घर नहीं बल्कि बाहर एक गार्डन में जाने को बोला और फिर वो मान गये और अब हम पास ही के एक गार्डन में बैठकर बातें करने लगे। उन्होंने पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है

? तो मैंने कहा कि नहीं तो वो बोले कि तुमने हमे इस कंडीशन में देखा तो क्या तुम्हे कुछ अजीब नहीं लगा? फिर मैंने कहा कि नहीं (दोस्तों वैसे भी में एक लड़की हूँ में उनसे हाँ कैसे बोल सकती थी) मुझे वो सब देखकर लगा तो था कि अभी अंदर जाकर सर को अपने ऊपर ले लूँ, लेकिन में बहुत मजबूर थी।

फिर वो बोले कि में समझता हूँ कि तुम ऐसे कुछ नहीं बोलोगी और फिर उन्होंने कहा कि तुम मेरे घर चलो में तुम्हारे दिल का हाल जानता हूँ। तभी अचानक से मेरे मुहं से निकल पड़ा कि क्या आपके घर पर कोई भी नहीं है

? तो वो बोले कि है

, लेकिन तुम्हारे दिल की बात निकालने के लिए मैंने अपने घर का नाम लिया था। फिर में उनकी यह बात सुनकर बिल्कुल शर्म से लाल हो गई और वो बोले कि लाईफ में कभी ना कभी यह करना ही है

तो अभी करो, दिल मत मारो चलो हम होटल में जाएँगे। में : क्या, होटल में नहीं। सर : तो फिर कहाँ पर? में : सर मेरे घर पर चलें। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों तुम्हारे घरवाले घर पर नहीं है

क्या? और फिर मैंने उनको थोड़ा बहुत बता दिया और अब हम दोनों मेरे घर पर आ गये। उन्होंने मुझसे मेरी माँ के बारे में पूछा तो मैंने उन्हे बताया कि वो दस दिन के लिए हमारे गावं गयी है

। फिर वो बोले कि फिर तो हमें कोई दिक्कत नहीं, आज रात भर में यहाँ पर रह सकता हूँ। फिर मैंने कहा कि ठीक है

और अब मुझे उनसे सिर्फ़ चुदना था इसलिए मैंने उनको रहने के लिए हाँ कहा, उन्होंने उनके घर पर फोन करके बताया कि में आज रात शहर से बाहर हूँ और में कल आ जाऊंगा। फिर वो मुझसे बोले कि में बाहर से कुछ खाने के लिए लाता हूँ और फिर वो बाहर चले गये और तब तक में टी.वी. देखने लगी। कुछ देर बाद वो लौटकर वापस आए तो उनके हाथ में 4 बेग थे। एक बेग में खाना था, वो मैंने सर्व किया और हमने खाना खा लिया और बातें करने बैठे। तभी थोड़ी देर के बाद वो मुझसे बोले कि आज हमारी पहली रात है

तो क्यों ना हम आज अपनी सुहागरात ही मना लेंगे? तो मैंने कहा कि हाँ हम वो ही तो करने वाले है

ना, अब में बातों में कुछ खुल गयी थी और फिर उन्होंने कहा कि तुम साड़ी पहन लो और उन्होंने मुझे लाया हुआ बेग दे दिया। फिर मैंने देखा तो उसमे एक लाल कलर की साड़ी थी और एक पेटीकोट भी था। दोस्तों ये कहानी आप urzoy latest new hindi sex stories पर पड़ रहे है

। फिर मैंने उस साड़ी को उनसे ले लिया और अंदर जाकर माँ का एक लाल कलर का ब्लाउज लिया और कपड़े पहन लिए और तब तक उन्होंने भी नये कपड़े पहन लिए थे और अब हम दोनों नये नये कपड़े पहने हुए थे। मैंने पूरा दुल्हन की तरह सिंगार किया हुआ था और साड़ी को अपनी नाभि के नीचे पहनी हुई थी और मेरे कमरे से बाहर आते ही उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगे। 15 मिनट तक लगातार किस करने के बाद वो मुझसे बोले कि क्यों कोल्ड ड्रिंक पियोगी? तो मैंने हाँ कहा और वो बोले कि दो ग्लास और पानी लेकर आ जाओ, में किचन में जाकर वो सब लेकर आ गई और फिर उन्होंने एक शराब की बोटल को खोला और उन्होंने दो ग्लास पिये और मुझसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है

? तो मैंने साफ मना कर दिया तो वो बोले कि थोड़ा दर्द होगा तो तुम भी थोड़ी सी पी लो, क्योंकि तुम्हे अपनी पहली चुदाई का दर्द सहन करना होगा। फिर मैंने मना किया, लेकिन फिर भी उन्होंने ज़बरदस्ती मुझे एक बार पिला दिया और अब में थोड़ी नशे में थी और अब उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया। फिर मेरी साड़ी का पल्लू नीचे खिसकाया और किस करने लगे, वो मुझे कभी किस करते तो कभी मेरी नाभि में जीभ घुसाते तो में जोश में बिल्कुल पागल होने लगी थी और वो मुझे किस करते करते मेरे बूब्स को भी दबा रहे थे। फिर करीब 20-25 मिनट तक लगातार मुझे चूमने, चाटने के बाद उन्होंने मेरे ब्लाउज और साड़ी को उतार दिया और बूब्स दबाने लगे, में बहुत जोश मे थी तो उन्होंने मेरा पेटीकोट उतार दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो गये। अब में बस ब्रा और पेंटी में थी, लेकिन उन्होंने अब वो भी उतार दिया। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, मुझ पर दारू और सेक्स का नशा धीरे-धीरे छा रहा था। फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रखा और एक धक्का मारा, लेकिन लंड अंदर नहीं घुस सका तो तेल का डिब्बा लेकर उन्होंने थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर लगाया और अपने लंड पर भी लगाया और एक ही ज़ोरदार झटका दिया तो लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया, लेकिन मेरे मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकल पड़ी और इतने में उन्होंने अपने एक हाथ से मेरा मुहं बंद किया और जोरदार तीन चार झटके दिए तो पूरा का पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर घुसता चला गया और अब वो मेरे होंठ चूस रहे थे और मुझे चूम रहे थे, मेरे बूब्स को सहलाकर मुझे शांत करने की कोशिश कर रहे थे। फिर थोड़ी देर के बाद जब उन्हे मेरा दर्द कम होता हुआ दिखाई दिया तो उन्होंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारना शुरू किए और करीब 30-35 मिनट लगातार मुझे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदते रहे। फिर में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेकर अपनी चूत चुदवाती रही और उन्हे अपनी चुदाई करने के लिए जोश दिलाती रही। में उनको हर एक धक्के पर हाँ और थोड़ा और आईईईईइ ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ आज मेरी चूत की उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भूख को शांत कर दो, हाँ प्लीज और ज़ोर से थोड़ा और ज़ोर से चोदो मुझे, मेरी चूत की खुजली मिटा दो, फाड़ दो आज मेरी प्यासी चूत को। उनसे यह सब कहती रही और वो मुझे जोश में आकर चोदते रहे, उसके हर एक धक्के से मेरा पूरा जिस्म हिल सा जाता और अब मेरा पूरा शरीर पसीने से भीग चुका था। मेरी चूत धीरे धीरे अपना पानी छोड़ने लगी थी, मेरी चूत उस लंड से चुदवाकर संतुष्ट होकर अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी और अब में झड़ चुकी थी।

में एकदम निढाल होकर अपनी चूत पर उनके जोरदार धक्को को सहने के लिए एकदम मजबूर थी तो बस वो अपनी एक चुदाई की धुन में वो मुझे धक्के दिए जा रहे थे। फिर मेरे झड़ने के करीब तीन चार मिनट के बाद मुझे एकदम से अपनी चूत में कुछ गरम गरम सा महसूस हुआ और में समझ गई कि वो अब मेरे अंदर ही झड़ गये और अब हम दोनों के जिस्म पसीने से बिल्कुल भीगे हुए थे और वो भी एकदम थककर मेरे ऊपर लेट गए। दोस्तों उस रात उन्होंने मुझे दो बार और चोदा और आने वाले 20 दिन में कम से कम 40 से 50 बार हर एक तरीके से चोदा। उनकी इस चुदाई से मेरी चूत अब फटकर एकदम भोसड़ा बन चुकी थी और उन्होंने मेरी गांड के साथ भी ऐसा ही किया। में अब अपनी चूत और गांड को उनसे चुदवाकर एकदम संतुष्ट कर चुकी हूँ और आज मुझे चुदाई का असली मज़ा आने लगा है

और उसके बाद उन्होंने मुझे और मेरी दोस्त को एक साथ भी चोदा और एक दिन हम दोनों को एक साथ तीन तीन लोगों से भी चुदवाया। दोस्तों मेरी यह चुदाई अभी भी थमी नहीं है

और मैंने आज भी अपनी चूत को उनका गुलाम बनाया हुआ है

और उनका लंड मेरा राजा है

जो कि मेरी चूत पर हमेशा राज करता है

।। और … +0 सुंदर भान्जी के साथ चुदाई जीजू के दोस्त के साथ होली .

Disclaimer:- Content of this Site is curated from other Websites.As we don't host content on our web servers. We only Can take down content from our website only not from original contact us for take down.

Leave a Reply