Meet a Girl looking for a date near you

hot ladki ki park me chudai pprn बीवी की हवस ने गांड फाड़ डाली

views

Latest sotry by : – फिरोज हाय फ्रेंड्स.. मेरा नाम फ़िरोज़ है

। आज में आप सभी को urzoy latest new hindi sex stories पर अपने साथ हुई एक सच्ची यादगार घटना बताने वाला हूँ.. यह उन दिनों की बात है

जब में 12वीं में था और मुझे ब्लूफिल्म देखना तभी से बहुत अच्छा लगता था और मैंने बहुत फ़िल्मे देखी थी और सोचता था कि मुझे कब यह मौका मिलेगा?.. हम जिस सोसाईटी में रहते थे वहाँ पर साईड वाली सोसाईटी में एक फेमिली में पति पत्नी रहते थे। उनकी दो छोटी जुड़वाँ लड़कियाँ थी.. करीब दो साल की और में उनके साथ खलने के लिए कभी कभी उनके घर पर चला जाता था। में उन आंटी को रूखसाना चाची बुलाता था। उनके पति का उन्ही के साईड वाले फ्लेट में एक बहुत बड़ा स्क्रेप का बिजनेस था और उनके पड़ोस वाली आंटी के पति भी रुखसाना चाची के पति के साथ काम करते थे और शायद मुझ पर धीरे धीरे ब्लू फ़िल्मो का असर होने लगा था.. फिर जब भी में उनकी लड़कियों के साथ खेलता तो बीच बीच में मेरा ध्यान चाची के फिगर पर चला जाता था। उनके वो बड़े बड़े बूब्स उनके कुर्ते के बाहर से भी दिख जाते थे.. वाह क्या नज़ारा होता था? फिर एक बार की बात है

में कॉलेज से जल्दी घर पर आया था.. लेकिन उस समय मेरे घर पर कोई नहीं था और घर पर ताला लगा हुआ था। तभी मुझे साईड वाली रुखसाना चाची ने अपनी खिड़की से झाँककर आवाज़ लगाई और मुझे ऊपर बुला लिया और में उनके फ्लेट के दरवाज़े पर पहुंचा। तो रुखसाना चाची ने मुझसे कहा कि तुम्हारे घर वाले बाहर गये है

ं और वो मुझसे कहकर गए थे कि उन्हे आने में थोड़ी देर हो जाएगी। तो मैंने एकदम मासूम सी शक्ल बनाकर उनसे पूछा कि तो तब तक में कहाँ जाऊं? तो रुखसाना चाची ने हंसकर कहा कि क्यों क्या तू अपनी रुखसाना चाची के घर पर नहीं रुक सकता? तभी मेरे तो मन में लड्डू फूट पड़े और फिर भी मैंने अपने पर काबू रखकर उनसे पूछा कि क्यों चाचा बुरा तो नहीं मानेंगे? तो रुखसाना चाची ने मुस्कुराकर जवाब दिया कि वो क्यों बुरा मानेंगे? और वैसे भी वो यहाँ पर वो नहीं है

.. वो दोनों बच्चियों को लेकर उनकी दादी से मिलने गये है

ं और कल दिन तक ही लौटेंगे। फिर यह बात सुनकर मेरा तो उछलने को दिल कर रहा था.. लेकिन फिर भी मैंने चाची से पूछा कि अगर बच्चे यहाँ पर नहीं है

ं तो में यहाँ बैठकर क्या करूँगा? में तो बोर हो जाऊँगा। तो रुखसाना चाची ने कहा कि क्यों टीवी देखो और मेरे साथ कुछ बातें करो.. उसमे तो बोर नहीं हो जाओगे ना? दोस्तों बस आज तो मेरे दिल की मुराद पूरी हो गयी थी और में भी ठीक है

कहकर.. अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और थोड़ी देर रुखसाना चाची से बात करने के बाद में टीवी देखने लगा और चाची उठकर किचन में चली गयी। तभी डोर बेल बजी तो मैंने दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि बाहर दरवाजे पर पास वाली दूसरी चाची खड़ी थी.. वो मुझे देखकर पहले तो बहुत चकित हो गयी। फिर अपने आपको संभाल कर बोली कि अरे फ़िरोज़ तुम यहाँ कैसे? तब मेरे कुछ कहने से पहले ही रुखसाना चाची ने कहा कि फ़िरोज़ के घर वाले बाहर गये हुए है

ं इसलिए वो मेरे कहने पर यहाँ पर रुका है

। तो वो चाची भी अंदर आ गई और रुखसाना चाची के साथ किचन में चली गयी और हंस हंसकर बातें करने लगी। फिर कुछ देर बाद मुझे थोड़ी प्यास लगी थी तो में पानी पीने के लिए किचन की तरफ चला गया। तभी में दरवाज़े पर ही रुक गया क्योंकि रुखसाना चाची और वो चाची बातें कर रही थी और में उनको देखकर वहीं पर रुक गया और चुपके से उनकी बातें सुनने लगा.. तब रुखसाना चाची की बातें सुनते ही मेरे तो मानो होश ही उड़ गए.. मुझे तो अपने कानो पर ही भरोसा नहीं हो रहा था। रुखसाना चाची उन आंटी से कह रही थी कि आज अच्छा मौका मिला है

तुम कहो तो मिला दूँ बेहोशी वाली दवा? तो आंटी कह रही थी कि अगर किसी और को पता चला तो क्या होगा? तो रुखसाना चाची बोली कि चिंता मत करो किसी को पता नहीं चलेगा और इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा। फिर उनकी सभी बातें सुनकर में जल्दी से बाहर आ गया और ऐसे बैठ गया जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं.. बस इतना पता चला की चाची और आंटी मुझे कोई बेहोशी की दवा देने वाली है

ं.. लेकिन में यह बात नहीं समझ सका कि वो दोनों मुझसे क्या चाहती? और में उसी वक़्त उनसे पूछ लेता.. लेकिन मुझे पता करना था कि वो करना क्या चाहती है

। तभी रुखसाना चाची मेरे पास चाय का कप लेकर आ गयी और मुझे चाय पीने को कहा.. पहले तो मैंने सोचा कि मना कर दूँ.. लेकिन फिर सोचा कि पता लगाना चाहिए कि आख़िर यह दोनों करना क्या चाहती है

? फिर मैंने चाची के हाथ से चाय का कप लिया और चाची से कहा कि में चाय थोड़ी देर में पी लूँगा और फिर मुझे चाय देने के बाद चाची जैसे ही किचन में गयी.. में जल्दी से उठकर बाल्कनी में गया और चाय को बाहर एक कोने में गिरा दिया और जल्दी से वापस आकर सोफे पर बैठ गया और अब में बेहोश होने का ड्रामा करने वाला था और मैंने जानबूझ कर धीरे धीरे सोफे पर बेहोशी से गिरने का नाटक किया.. लेकिन थोड़ी सी आखें खुली रख ली। फिर मेरे सोफे पर गिरते ही किचन से रुखसाना चाची और आंटी दौड़ती हुई बाहर आई और पूरा विश्वास कर लिया कि में ठीक से बेहोश हुआ या नहीं। फिर में उन दोनों की बातचीत सुन रहा था। रुखसाना चाची बोली कि.. लगता है

बेहोश हो गया? आंटी : मुझे भी यही लगता है

रुखसाना चाची.. लेकिन इसकी तो आखें थोड़ी खुली सी लग रही है

। आंटी : अरे कभी कभी बेहोशी में ऐसे ही आखें खुली रह जाती है

ं रुखसाना चाची : तो फिर देर किस बात की? चलो जल्दी से इसे उठाकर बेडरूम में ले चलो.. बेडरूम का नाम सुनकर तो में बहुत चौंक गया.. लेकिन बेहोशी का ड्रामा जो कर रहा था इसलिए चुपचाप बिना कुछ हलचल किए लेटा रहा। तो रुखसाना चाची ने मेरे हाथ पकड़े और आंटी ने मेरे पैर और इसी तरह वो दोनों मुझे उठाकर बेडरूम में ले गई और मुझे बेड पर लेटा दिया। रुखसाना चाची : तो क्या फिर शुरू करे अपना काम? आंटी : हाँ हाँ क्यों नहीं बहुत दिन हो गये किसी जवान लड़के से गांड मरवाए हुए और में तो अपनी तड़पती हुई गांड से बहुत दिनों से परेशान हो चुकी हूँ.. अब तो आज इसका पूरा इलाज करना ही पड़ेगा और इसको शांत करना होगा। तो बस उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तो पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गयी और मेरा तो मन कर रहा था कि कि तुरंत उठकर दोनों को रंगे हाथ पकड़ लूँ.. लेकिन में वैसे ही रहा था और उनका काम चलने दिया। फिर जो कुछ हुआ वो में कभी सोच भी नहीं सकता था.. उन दोनों ने मिलकर मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.. जैसे ही मेरी शर्ट पेंट उतर गई.. रुखसाना चाची तो जैसे मुझ पर बहुत बरसों से भूखी हो.. वो एकदम कूद पड़ी और मेरे गालों को और मेरी छाती को चूमने लगी और अपनी जीभ से मेरे पूरे शरीर को चाटने लगी। फिर मेरा तो लंड तुरंत ही अंडरवियर के अंदर तनकर खड़ा हो गया और उनको सलामी देने लगा.. तभी आंटी ने रुखसाना चाची से कहा कि अरे रुखसाना इसका लंड तो तुरंत ही टाईट हो गया.. यह पक्का बेहोश तो है

ना? तो रुखसाना चाची जो कि अब तक पूरे मूड में आ चुकी थी.. उन्होंने आंटी की बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और आंटी से कहा कि बेहोशी में भी इन्सान का दिमाग़ काम करता है

और लंड खड़ा हो जाता है

.. तो ज्यादा इन बातों पर ध्यान मत दो और अपना काम शुरू करो। तो आंटी ने भी उनकी बात मान ली और आंटी ने जैसे ही मेरी अंडरवियर उतारी तो रुखसाना चाची और आंटी तो मानो किसी भूखी बिल्लियों की तरह मेरे लंड पर झपट पड़ी। तभी मेरे तो मुहं से चीख निकलते निकलते ही रह गई और रुखसाना चाची मेरे लंड को अपने मुहं में एक बार में ही पूरा लेकर चूसने लगी और आंटी मेरी गोलीयाँ मुहं में लेने लगी और धीरे धीरे सहलाने लगी और अब मेरी तो हालत एक अधमरे शेर जैसी हो गयी.. जैसे कि शिकार मेरे सामने हो.. लेकिन में कुछ कर नहीं सकता था। में तो बस चुपचाप पड़ा रहा और तभी थोड़ी देर तक यह सब करने के बाद रुखसाना चाची ने अपने और आंटी के कपड़े उतारे और एक दूसरे को किस करने लगी और बूब्स को दबाने लगी और में थोड़ी सी आखें खुली रखकर यह सब कुछ देख रहा था। दोस्तों ये कहानी आप urzoy latest new hindi sex stories पर पड़ रहे है

। तभी थोड़ी देर के बाद रुखसाना चाची मेरे ऊपर आई और जैसे ही उन्होंने मेरे लंड पर अपनी चूत को सेट करके धीरे धीरे दबाया तो मेरी आधी जान हलक तक आ गयी.. क्योंकि इससे पहले मैंने कभी किसी को नहीं चोदा था.. लेकिन किसी तरह से में अपने आपको संभलकर लेटा रहा और फिर क्या था? रुखसाना चाची तो मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाने लगी। तभी में इस दर्द से मन ही मन चीख रहा था कि आंटी ने अपनी चूत मेरे मुहं पर रख दी और घिसना शुरू कर दिया.. मेरा मन तो बहुत किया कि अपनी जीभ से आंटी की चूत का रस चाट लूँ.. लेकिन में एकदम चुप रहा। फिर कुछ देर तक रुखसाना चाची ने मेरे लंड से अपनी चूत को उछल उछलकर चुदवाया और फिर वो नीचे उतार गई और आंटी अपनी प्यासी चूत को लेकर मेरे लंड पर सवार हो गई और अब मेरे मुहं पर चाची की चूत का नंबर आ गया.. लेकिन इस बार जो रुखसाना चाची की चूत का स्वाद मुझे मिला वो आंटी की चूत से कई बेहतर था.. वाह अभी भी वो बात सोचकर मुहं में पानी आ जाता है

। फिर इतना होने के बाद भी दोनों रुकी नहीं.. इस बार रुखसाना चाची ने तो हद ही कर दी.. उन्होंने तो इस बार अपनी एकदम चिकनी सी गांड ही मेरे लंड पर रख दी और अब तो मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. लेकिन रुखसाना चाची की गांड में मेरा लंड जा ही नहीं रहा था.. तो आंटी ने उन्हे लंड पर से उठाया और मेरे लंड को चूसा.. लेकिन फिर भी वो नहीं घुसा तो वो उठकर गई और उस पर कोई तेल लाकर लगाया। फिर रुखसाना चाची से कहा कि तुम अब ट्राई करो और फिर उन्होंने वैसे ही किया और अब की बार मेरा लंड रुखसाना चाची की गांड में चिकना होने की वजह से एक ही बार में फिसलकर चुपचाप से चला गया और रुखसाना चाची की एक जोरदार चीख निकल पड़ी और साथ ही मेरी भी.. लेकिन में अपने मन ही मन में चीख रहा था। फिर बस थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद रुखसाना चाची थक गयी और मेरे लंड का पानी भी रुखसाना चाची की गांड में निकल गया और लंड एकदम ढीला पड़ गया और तब जाकर रुखसाना चाची मेरे लंड पर से उठी.. लेकिन इतने पर भी उन दोनों को शांति नहीं मिली। आंटी तो अब भी मेरे लंड को लोलीपोप की तरह ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रही थी और आख़िरकार दो घंटे के बाद दोनों की आग शांत हो गयी और वो दोनों बहुत थककर पसीने से नहाकर मेरे अगल बगल में लेट गयी। फिर कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से एक बार और टाईट हो गया तो अब की बार मुझसे रहा नहीं गया और मेरे सब्र का बाँध टूट गया और में तुरंत उठकर खड़ा हो गया और फिर मुझे होश में देखकर तो मानो रुखसाना चाची और आंटी की जान ही निकल गयी और उनके मुहं से तो हल्की सी चीख भी निकल गयी और रुखसाना चाची ने कहा कि अरे फ़िरोज़ तो क्या तुम इतनी देर से बेहोश नहीं थे? तो मैंने कहा कि हाँ चाची में तो एकदम पूरे होश में था और जब आप दोनों बारी बारी मेरे लंड से अपनी चूत को चुदवा रही थी और अब जब की मैंने आप दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया है

तो अब मुझे तो इनाम चाहिए ही.. फिर क्या था? फिर हुआ वही जो में चाहता था। ज़िंदगी में मिले उस पहली चुदाई के मौके को में कैसे छोड़ देता। मैंने उसका जमकर फायदा उठाया और रुखसाना चाची और आंटी को जमकर बारी बारी से चोदा। बस फिर क्या था? मैंने उस दिन उन दोनों को करीब तीन घंटो तक लगातार चोदा.. कभी चाची की गांड मारी तो कभी आंटी की चूत और कभी उनके मुहं में झड़ता तो वो दोनों एक एक करके मेरे लंड को चूसकर साफ कर देती और कुछ देर में फिर से खड़ा कर देती। मैंने दोनों की चूत और गांड मार मारकर लाल कर दी थी।

मैंने उनको हर तरह से चोदा.. कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े खड़े.. दोस्तों उस दिन को आज पाँच साल हो गये है

ं.. पर आज भी में रुखसाना चाची और आंटी दोनों को मौका देखकर एक साथ तो कभी अलग अलग चोदता हूँ और उनकी चूत की आग को ठंडा करने की कोशिश करता हूँ ।। और … +0 बीवी की हवस ने गांड फाड़ डाली माँ ने अपने बॉस से चुदवाया .

Disclaimer:- Content of this Site is curated from other Websites.As we don't host content on our web servers. We only Can take down content from our website only not from original contact us for take down.

Leave a Reply