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Latest sotry by : – आशा हेलो दोस्तों ! नया साल मुबारक हो आप सभी लोगों को में फिर से एक बार आप सब की चहेती आशा एक बार फिर अपनी चुदाई की नई कहानी ले कर यहाँ उपस्थित हूँ यह कहानी न्यू ईयर की है
जब शाम को मौका पाकर के मेरे पापा ने मुझे चोद दिया वैसे तो में पापा से कई बार चुद चुकी हूँ मगर इस बार नये साल की रात में चुदने का मज़ा ही दूसरा था यह बात है
की शाम के 5 बज रहे थे में ऑफीस से निकली और घर की और चल दी में भी नये साल की पार्टी उम्मीद में खोई हुई थी तभी मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया मैने देखा तो पापा का था. वो मुझे विश कर रहे थे और लिखा था की बेटी अगर कुछ मज़ा लेना चाहती हो तो पार्क रॉयल होटल में आ जाओ में वहाँ तुमको किसी से मिलाना चाहता हूँ में समझ गई की पापा ने कोई मुर्गा फँसा लिया है
और उसके साथ मिल के मेरी चुदाई का प्रोग्राम रखा होगा में मन ही मन बहुत खुश हो गई मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था में तुरंत एक ऑटो कर के घर पहुँची और कपड़े बदल कर सीधी पार्क रॉयल होटल पहुँच गई पापा ने जिस रूम में कहा था में सीधी वहीं चली गई दरवाजा खुला में देख कर हक्का बक्का रह गई. वो आदमी कोई और नही मेरी कंपनी का मालिक था मुझे देख कर बोला अरे आशा तुम में तो तुमको चोदने के बारे में कई बार सोच चुका था मगर में सोच भी नही सकता था की आज नये साल के मौके पर में तुमको चोद पाउँगा भगवान का लाख लाख शुक्रिया है
की तुम आ गई हो आज बहुत मज़ा आने वाला है
में मुस्कुरा कर अंदर पहुँच गई बेड पर मेरे पापा हाथ मे शराब का गिलास लिये बैठे थे में उनको देख के मुस्कुरा दी वो भी मुस्कुराये में सोच रही थी की पापा मुझे चोदने का कोई भी मौका नही छोड़ते है
आज मेरे बॉस के साथ भी मुझे चोदने आ गये थे. में नखरे करती हुई पापा के पास पहुच गई और उनके पास जा के बैठने लगी मगर मेरे पापा एक हरामी ज़ात के है
फ़ौरन अपनी उंगली मेरी गांड में दे दी में उछल गई उई क्या करते हो पापा मेरा बॉस एकदम से खड़ा हो गया हहाई यह तुम्हारे पापा है
में मुस्कुरा के बोली हाँ क्यो में है
रान हूँ की कोई पिता अपनी बेटी को हाँ में ज़ोर से हँसी यह पिता नही है
यह मेरे पति भी है
जब हम दोनो का मन होता है
तो हम दोनो चुदाई कर लेते है
मेरे पिता होने से पहले यह एक मर्द है
और में एक बेटी होने से पहले एक लड़की हूँ तो मेरी चूत पर मेरे बाप का पहला अधिकार है
इसलिये में उनको कभी मना नही करती समझे. बॉस ने मुझे देखा और बोला काश की तुम्हारी जितनी समझदार हर लड़की हो जाये तो हम जैसो को यहाँ वहाँ मुँह नहीं मारना पड़े मैने उसे कहा की कोई बात नही सर आप अपनी बेटी का नम्बर मुझे दे दो में आपकी बेटी को आपसे ना चुदवा दूं तो मेरा नाम बदल दीजियेगा वो खुश हो गया और उसने तुरंत मुझे अपनी बेटी का नम्बर दिया और बोला आशा यह काम जल्दी करवाना में उसकी जवानी को जब भी देखता हूँ तो में बहुत खुश होता हूँ मगर साली चुदने को तैयार नही होती है
में क्या करूँ. मैने उनसे पूछा की आज आपकी बेटी क्या कर रही है
मुझे नही पता शायद कही घुमने गई होगी अच्छा तो में पता करूँ मैने यह कह के अपने मोबाइल से उसको फोन मिला दिया उसका नाम रिचा था हेलो..“ “ हेलो.. कौन.. में आशा बोल रही हूँ में रिचा से बात कर रही हूँ जी हाँ आप को मैने पहचाना नही जी आप मुझे नही जानती है
ं में आपके पापा की दोस्त हूँ मेरा नाम आशा है
. “ अच्छा..जी.. बोलीये..क्या बात है
मुझे आपको कुछ दिखाना था अगर आप फ्री हों तो में आपके पापा के बारे में बहुत कुछ जानती हूँ और उनको एक्सपोज़ करने का यह एक अच्छा मौका है
वो आज पार्क रॉयल होटल में किसी के साथ मज़े ले रहे है
अगर देखना चाहती हो तो वहाँ पहुँच जाओ में तुमको रूम नम्बर बता देती हूँ उनको वहाँ पर पकड़ सकती हो तुम झूठ बोल रही हो वो ऐसे नही है
में अपने पापा को जानती हूँ समझी नही तुम उनको नही जानती हो में उनका नया रुप तुमको दिखा सकती हूँ वो तो ऐसा खराब आदमी है
की तुमको भी नही छोड़ेगा. अगर मौका लगे तो तुमको भी चोद सकता है
शट-अप कुत्तिया कौन बोल रही है
अरे मेरी प्यारी रंडी अगर तुमको विश्वास नही होता तो आ कर अपनी आँखों से देख लो ठीक है
चुड़ैल में आ रही हूँ मेने फ़ोन बंद करते ही मेरे बॉस बोले यह क्या किया वो यहाँ आ गई और बात नही बनी तो क्या होगा अरे कैसे मर्द हो अगर प्यार से ना माने तो ज़बरदस्ती चोद देना कोई प्रोब्लम होगी तो मेरे पापा तो है
ही साथ देंने के लिये तभी मेरे पापा ने मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुये बोले वो जब आयेगी तब की तब देखेंगे. अभी तो कुछ दिखा दो मैने उनको देखा और मुस्कुराती हुई बोली पापा तुमसे कुछ छुपा थोड़ी है
मैने अपनी कोट उतार के अपनी टी-शर्ट उतार दी और अब मेरे बदन पर एक थर्मा-कोट था उन्होने मुझे मेरे बॉस की तरफ़ धक्का दे दिया में उनसे लिपट गई मेरे बॉस यही कोई 42 साल के मर्द होंगे मगर उनका शरीर काफ़ी भरा हुआ लग रहा था उन्होने मुझे पकड़ा और मुझे किस करने लगे में उनकी बाहों में मधहोश सी होती चली गई उन्होने मेंरी कोट को उतार कर मेरी ब्रा खोल दी मेरे पापा भी कम नही थे वो नीचे से मेरे कपड़े उतारने के लिये लग गये मेरी पेन्ट उतार कर मेरी पेंटी को उतार रहे थे और मेरी चूत को सहलाने लगे मेरी चूत आग उगलने लगी थी आज सुबह से ही मुझे लग रहा था की में आज किसी ना किसी से तो चुदूगी जरुर। तभी मैने अपनी चूत को तैयार कर लिया था मतलब बालो को साफ कर लिया था। इस कहानी का अगला हिस्सा जल्द आ रहा है
. . . धन्यवाद .. loading… और … +0 500 रुपये में दिल्ली की सर्दी भगवान भी मेहरबान हो जाता है
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