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kajol ki chudai naked in hd प्रीति के घर वो एक रात

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Latest sotry by : – संतोष हेलो दोस्तो मेरा नाम संतोष है

। और में पूना मे रहता हूँ। में इस वेबसाइट का फेन हूँ मुझे आप सब लोगो की कहानी बहुत पसंद आती है

। इन सभी कहानियों को मुझे पड़ने में बहुत मज़ा आता है

। बोर ना करते हुए मे अपनी कहानी पर आता हूँ। ये कहानी मेरी प्यारी भाभी के उपर लिखी है

जो की सच है

। और तकरीबन एक साल पहले की है

। मेरी भाभी की उम्र 21 साल है

उसका नाम अश्विनी है

। और वो दिखाने मे बहुत सुंदर है

। उसका फिगर 28-32-30 है

। और वो मुझसे बेहद प्यार करती है

। दिखने मे गोरी और हाइट 5’1 है

। आप अगर कोई भी उसे देखे तो मुठ तो जरुर मारेंगे। और लेकिन मे उम्र 23 दिखाने मे हॅडसम हूँ। और हाइट 5’4 है

और रंग गौरा है

और मेरा लंड 8 का है

और 3 चौड़ा है

। कोई भी लड़की देखे तो मुहं मे लिए बिना छोड़ती नहीं। मेरे भाई की शादी लगभग एक महीने पहले हुई थी।

मेरे घर में मेरे पापा मम्मी और बड़ा भाई और भाभी है

। शादी हो कर एक महीना बीत गया था। तो भाभी और मेरी अच्छी दोस्ती हुई थी हम इधर उधर की बाते करते थे। लेकिन मेरे मन मे कभी भाभी के बारे मे ग़लत विचार नहीं आया था। कुछ ज़रूरी काम के कारण भाई को ऑफीस से दिल्ली जाना पड़ा 15 दिन के लिए घर पर मे और भाभी थे। पापा काम पर गये हुए थे। और मम्मी खेत मे हम दोनो इधर उधर की बाते कर रहे थे। तो भाभी ने अचानक कहा आपकी कोई गर्लफ्रेंड है

क्या? तो मे चौक पड़ा क्योकि इस तरह की बाते मे भाभी से कभी कहता नहीं था। शरमाते हुए मेने कहा नहीं है

। तो वो बोली ऐसा नहीं हो सकता एक तो तुम बहुत हॅडसम हो और कॉलेज भी जाते हो। और किसी भी लड़की को फंसाने का तरीका भी तुम मे है

। मे इधर शरम के मारे भाभी से आँखे नहीं मिला पा रहा था। भाभी ने कहा चुप क्यों हो गये सच बताओ है

कि नहीं। मेने भाभी को देखते हुए कहा नहीं है

। बोला ना आपको तो वो कहने लगी कोई बात नहीं में हूँ ना आपकी गर्लफ्रेंड। इतना सा कहते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। पर मे भाभी को उस नज़र से नहीं देखना चाहता था। वो कहने लगी आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो। और रोने लगी मे बोला आप रोओ मत क्या हुआ। कुछ समस्या है

क्या तो बोली अगर मे आपको बताऊ तो आप किसी को बताओगे नहीं ना। मैने कसम ली और कहा नहीं बोलूगा। वो रोते रोते बोलने लगी शादी को एक महीना हुआ है

। पर तुम्हारे भैया ने मुझे अच्छी तरह से मजा भी नहीं दिया है

। और उनका लंड भी बहुत छोटा है

। दस साल के बच्चे जैसा मुझे कुछ भी मजा नहीं आता और मे डेली मेरी चूत मे उंगली करके ही सो जाती हूँ। इतना कहते ही लंड और चूत की भाभी के मुहं से आवाज सुनकर मेरा लंड पेंट मे ही टेंट बन गया। और मैने लंड छुपाते हुए उनसे कहा कोई बात नहीं हम इसका कोई ना कोई इलाज ढूँड लेंगे। उसने कहा कुछ इलाज नहीं है

इसका सिवाय आपके और वो मुझसे चिपक कर किस कर लिया। मेरा लंड पेंट के अंदर से बाहर आने को बेताब हो रहा था। पर मुझे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। दिमाग़ दोनो तरफ चल रहा था। एक तरफ मजबूरी दूसरी तरफ रिश्ता क्या करू क्या ना करू इतने मे भाभी ने मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए। और किस करने लगी वो बहुत गरम हो गयी थी।

उसकी साँसे मुझे और परेशन कर रही थी।

और मुझे मदहोश कर रही थी।

जवानी के इस रंग मे मै बहुत दुविधा मे था। में क्या बताऊ आप लोगो को यार मुझे समझ नहीं आ रहा था। वो मुझे और गरम करने की कोशिश कर रही थी।

कभी मेरे लंड पर अपनी चूत रगड़ रही थी।

तो कभी मेरी गांड पर हाथ फेर रही थी।

मे अपने होश खोये जा रहा था। आख़िर मे भी तो एक मर्द था। पर एक ही जगह खड़ा था। वो बोल रही थी देवर जी में आप से बहुत प्यार करती हूँ। आप मेरी मदद कर सकते है

। यही एक इलाज है

इस बीमारी का जो आपके हाथ में है

। और उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी।

अब मे अपने होश खो बैठा था। और उसको ज़ोर से हग किया और बोला में भी आप से बहुत प्यार करता हूँ भाभी और उसको ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मे अपना लंड उसके चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था। और उसके बूब्स भी दबा रहा था। वो सिसकारिया ले रही थी हाँ मेरे राजा ज़ोर से और ज़ोर से आहा मर गई दबाओ और ज़ोर से दबाओ बहुत मज़ा आ रहा है

। अब मेने उसके ब्लाउज को खोल दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी।

तो जब मेने उसके बूब्स देखे तो देखता ही रह गया बहुत टाइट और गोल बड़े बूब्स थे उसके। उसने मुझे अपनी और खींच कर बेड पर लिटाया। अब मे उसके उपर और वो बेड पर नीचे थी।

मैने अपने मुहं से उसका लेफ्ट बूब्स पकड़ लिया। तो तभी ज़ोर से वो सिसकारिया भरने लगी। और कहने लगी बहुत मज़ा आ रहा है

। मेरे राजा ज़ोर से चूसो अपनी रानी को आज पूरा मज़ा दो और ज़ोर से उई माँ मर गई मे ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स एक एक करके चूस रहा था। हम दोनो सब रिश्ते भूल कर मदहोश हो गए थे। वो मेरे लंड को पेंट के अंदर ही सहला रही थी।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। इतने मे डोर की बेल बज गई हम दोनो घबराकर संभालने लगे। और देखा तो मम्मी आ गयी थी।

हम लोग अपने अपने कमरे में चले गये। और रात होने के इंतजार करने लगे। हमारी हालत बहुत खराब थी।

रात होने पर सभी लोग सो गये। करीब देर रात भाभी अपने कमरे से मेरे कमरे में आ गयी। और मुझसे लिपट गयी और कहने लगी की अब नहीं रहा जाता। कुछ करो में मर जाउंगी उन्हें ऐसे देख कर मेरा मन फिर से भाभी की चुदाई करने को हुआ। और मैं भाभी के पास जाकर लेट गया और उनकी पीठ पर जीभ मरने लगा तब भाभी बोली की तू जल्दी से स्टार्ट कर। मेंरा तो मन नहीं भरता अभी थोडा शुरु कर ले फिर बाकी बाद में रोज करेंगे तो मैने कहा भाभी ठीक है

। तो मैने उसकी गांड मारी है

। मुझे अब उसकी चूत मैं लंड डालना है

। क्योकि मैं जानता हूँ की उसकी चूत को भी लंड चाहिए। तो भाभी बोली तू मेरे बारे मैं बहुत कुछ जानने लगा है

। वैसे थोड़ी देर रुक जा मेरी गांड मैं हल्की हल्की जलन हो रही है

। तो मैं बोला भाभी मैं कोई क्रीम लगा दूँ। जिससे उसकी जलन ठीक हो सके तो भाभी बोली नहीं रहने दे। अब तू मुझे चोदे बगैर मानेगा नहीं। चल करले जो करना है

। पर अब मेरी गांड की तरफ देखना भी नहीं। इतनी बेदर्दी से तूने इसमे अपना इतना लम्बा लंड डाला है

। तो मैने कहा भाभी ठीक है

। मुझे तो अब उसकी चूत मारनी है

। और भाभी आप तो ऐसे ही लेटे रहो और मैने अपना काम शुरु कर दिया। मैं फिर से भाभी की पीठ पर जीभ फेरने लगा मैं भाभी की गर्दन से लेकर भाभी की गांड तक उपर नीचे करता हुआ जीभ फेर रहा था। जब मैं गर्दन के पास जाता तो मेरा लंड भाभी के कुल्हो को टच करता। और मैं लंड को गांड पर रख देता भाभी को ऐसा महसूस होता की कही मैं फिर से गांड मैं लंड ना डाल दूँ। तो भाभी पीठ के बल लेट गई। और बोली अब ठीक है

मुझे तेरे इरादे ठीक नहीं लग रहे थे। और हम दोनो इस बात पर हंसे और फिर मैं भाभी के होंटों पर किस करने लगा। और भाभी के बूब्स आराम से दबाने लगा। भाभी के बाल बिखरे हुए थे। और वो बहुत ही सुन्दर लग रही थे। मैं भाभी के होंटों को किस करता रहा। और भाभी मेरे बालो मैं हाथ फेरती रही मेरा लंड अब भाभी की चूत को टच कर रहा था। भाभी ने अपनी टाँगे खोल ली और मेरे लंड को पकड़ लिया फिर अपनी चूत की लाइन पर लगा के बोली इसे अंदर कर दे। और फिर उपर से जो मर्ज़ी हो कर। तो मैने इतना सुनते ही एक जटका मारा और आधा लंड भाभी की चूत में उतार दिया। भाभी के मुहं से आअहह की आवाज़ निकली और मैं फिर से लिप्स किस करने लगा। और भाभी के बूब्स मसलने लगा भाभी को काफ़ी मज़ा आ रहा था। मैने फिर से एक झटका मारा और पूरा लंड भाभी की चूत मैं डाल दिया भाभी ने आअहह की आवाज़ के साथ मेरे लंड का स्वागत किया मैं अब भाभी को सक करने लगा। और हाथ से बूब्स को मसलता रहा भाभी ने अपने हाथ मेरी कमर मैं डाल लिए। और खुद नीचे से झटके मारने लगी तो मैं समझ गया की भाभी अब पूरी गरम हो चुकी है

ं। मैने भाभी की एक टांग पकड़ी और अपने कंधे पर रख ली और ऊपर हो कर भाभी की चूत मारने लगा। भाभी का एक पैर उनके सिर से थोडा उपर था। और एक बेड से नीचे लटक रहा था। इससे भाभी को बहुत मज़े के साथ दर्द भी हो रहा था। लेकिन उन्होने मुझे मना नहीं किया। भाभी आअहह संतोष ऊऊहह ये कैसी स्टाइल है

जिससे तू मुझे चोद रहा है

। आअहह हमम्म्म मरी आज तो अपनी भाभी की जान निकाल देगा तू। पर मेरी फ़िक्र ना कर ऐसे ही चोद आआहह तेरा लंड मेरी चूत की गहराई तक लग रहा है

आअहह मरी चोदो मुझे ऊऊहह चोदो मुझे जल्दी से और मैं तेज़ी से झटके मारने लगा भाभी का घुटना उनकी निप्पल को टच हो रहा था। मेरा लंड बिल्कुल सही से भाभी की चूत में आ जा रहा था। फिर मैने भाभी की दूसरी टांग को भी अपने कंधे पर रखा और चूत मारने लगा भाभी की टाँगे अब उपर थी।

और लंड पूरी तेज़ी से भाभी की चूत चोद रहा था। कमरे मैं से कुछ थप थप की अवाज़े आ रही थी।

और भाभी आअहह ऊऊहह चोदो मुझे अहह चोदो मुझे जल्दी से मरी में आअहह मैं झड़ने वाली हूँ। संतोष प्लीज और तेज़ी से करो। आह अब भाभी भी अपनी गांड उठा उठा कर मुझसे चुदाई करवाने लगी थी।

मैं भी समझ गया की भाभी झड़ने वाली है

ं। तो मैने भाभी की टाँगे अपने कंधे से उतारी और लंड चूत से बाहर निकाल लिया जिससे भाभी बोली तुमने ऐसा क्यो किया? अभी मैं झड़ने वाली हूँ। प्लीज अंदर डालो प्लीज फिर मैं बोला भाभी आप झड़ जाओगे तो मेरा पानी कैसे निकलेगा। आप मुझसे पहले खत्म हुई तो मज़ा नहीं आएगा। और मैं भाभी की चूत चाटने लगा जिससे भाभी चुप हो गई और मेरे बालो मैं हाथ फेरते हुए बोली थोड़ी और अंदर करो अपनी जीभ को आअहह कितना मज़ा देता है

तू मुझे आअह और खुद उपर नीचे होने लगी मैने फिर से जीभ बाहर निकाल ली और सीधा खड़ा हो गया। मैने अपना लंड हाथ मैं पकड़ रखा था। भाभी समझ गई और वो बेड पर बैठ गई और अपना मुहं खोल लिया। मैने लंड को भाभी के होंटो पर रगड़ा और भाभी जीभ बाहर निकाल कर लंड चाटने लगी। लंड पर भाभी की चूत का पानी भी लगा था। भाभी बड़े मज़े से मेरा लंड चाट रही थी।

लंड को चाट कर साफ करने के बाद भाभी ने अपना मुहं खोल लिया और लंड को मुहं में ले लिया और वो खुद ही आगे पीछे मुहं करने लगी। मैं भाभी के बालो में हाथ फेर रहा था भाभी बड़े मज़े से लंड चूसने लगी कई बार मैं झटका मार कर लंड को भाभी के गले तक डाल देता। और जब बाहर निकालता तो भाभी खांसने लगती और फिर से लंड चूसने लगती। थोड़ी देर लंड चूसने के बाद भाभी बोली अब मेरी चूत मार अपना लंड डाल संतोष मुझे चोद अब और नहीं रहा जाता मुझसे। तो मैने भाभी को कुत्ते की स्टाइल मैं होने को बोला और में खुद बेड से नीचे उतर गया। मैने भाभी की जाँघो को पकड़ा। और लंड को भाभी की चूत के मुहं पर लगा कर एक जोरदार झटका मारा कमरे मैं से थपप की आवाज़ हुई। और लंड भाभी की चूत में चला गया भाभी आअहह की आवाज़ के साथ ज़ोर से चिल्लाई मैने फिर लंड बाहर निकाल कर अंदर कर दिया और भाभी की चुदाई करने लगा। भाभी के बूब्स लटक रहे थे और भाभी का चहरा बालो से ढाका होने की वजह से दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन भाभी की आअहह ऊओह चोदो मुझे आहह ऊओ की आवाज़ आ रही थी।

भाभी की चूत से पच पच की आवाज़ आ रही थी।

भाभी और मैं पूरी मस्ती मैं थे मैं भी भाभी में भी तुमसे प्यार करता हूँ भाभी आहह करते हुए झड़ने ही वाला था। और भाभी भी बोली की संतोष और तेज़ी से चोद मैं झड़ रही हूँ। आअहह संतोष और तेज मैने चुदाई और तेज कर दी। और आअहह भाभी ऊओ झड़ जाओ भाभी मेरा वीर्य भी निकल रहा है

। आआहह करते हुए झड़ गया जब मेरे वीर्य की गरम धार भाभी की चूत मैं गिरी तो वीर्य की गर्माहट से भाभी भी आअहह म आऔ आआहह करते हुए पूरे ज़ोर से झड़ी। और मैने लंड चूत से निकाल लिया लंड पूरा लाल था। और चूत के पानी से भीगा हुआ था। लंड निकलते ही भाभी बेड पर उल्टे ही लेट गयी और मैं भाभी के पास ही लेट गया करीब 30 मिनट बाद भाभी उठी और मुझसे बोली की जल्दी उठ सुबह होने वाली है

। तो मैं और भाभी एक साथ बाथरूम मैं फ्रेश होने चले गये और आकर बेडशीट ठीक की। और अपने अपने कपड़े पहन लिए मैने भाभी को ब्रा और पेंटी पहनाई मेरा मन तो फिर से हुआ की मैं फिर से भाभी को चोदू पर मम्मी जागने वाली थी।

इसलिए मैने कुछ नहीं किया थोड़ी देर बाद मम्मी और पापा उठ गये। तो दोस्तो अब मैं आपसे विदा लेता हूँ। और … +0 प्रीति के घर वो एक रात पति का भरोसा तोड़ा 1 .

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