lund chut ki chudai yogi ladkiyon ki movie dikhaye स्वाती और नेहा दीदी के बाद सुमन
Latest sotry by : – मोनिका है
लो दोस्तोँ…! मेरा नाम मोनिका है
और प्यार से मुझे सब मोनू के नाम से पुकारते है
। मैँ सिरोही की रहने वाली हूँ । मैँ urzoy latest new hindi sex stories की नियमित पाठक हूँ। मैने बहुत सारी कहानियाँ पढी और सेक्स के बारे मेँ ज्ञान लिया। आज मैँने सोचा मैँ भी अपनी प्यारी सच्ची घटना सुनाऊँ। यह मेरी पहली सेक्स कहानी है
। पहले मेँ अपने बारे मेँ कुछ बता दूँ मैँ अभी 19 साल की हूँ , रँग गोरा , बदन कच्चा एवँ गठीला तथा साईज 36 28 38 है
। वैसे मैने क्लास मेँ सहेलियोँ से सेक्स के किस्से तो खूब सुने पर असली काम करने की कभी सोची भी नहीँ थी और खास कर इस सम्बन्ध पर। मैँ 12 वीँ मेँ पढती हूँ । बात अभी कुछ दिन पहले की है
। अभी पहले सर्दियोँ की छुट्टीयोँ मेँ मैँ अपने मामा के घर गयी थी । मेरे मामा के घर मेँ मामा, मामी और प्यारे भैया (प्रकाश) तीन लोग रहते है
। भैया की उम्र भी 19 साल ही है
और 12वीँ साईँस की पढाई करते है
ँ । जब मैँ मामा के घर गयी तो घर पर मामी और भैया दोनोँ थे । क्योँकि मामा दूसरे शहर मेँ सरकारी जॉब करते थे । मेरे आने पर वे लोग बेहद खुश थे । हम लोग बैठे कुछ घर परिवार के समाचार दिये लिये । फिर मामी ने कहा कि मोनू आप लोग बैठो मैँ चाय बना के लाती हूँ । फिर भैया ने टी.वी. चालू किया और हम लोग देखने लगे । उस वक्त डर्टी पिक्चर चल रही थी और देखते देखते जब हीरो ने हिरोइन के किस किया तो भैया ने मेरी तरफ देखा तो मैँ शरमाके थोङा सा मुस्करा दी । तब तक मामी चाय ले के आ गयी और हमने चाय पी । उस वक्क मैँनेँ लाल कलर की जींस एवँ नीले कलर की टी शर्ट पहन रखी थी । उस वक्त मैँने नोट किया की भैया मेरे उरोजोँ को घूर रहे थे । फिर शाम को मामी ने खाना बनाया और हम खाना खाकर के सोने गये तब बाहर से दो औरते आयी और मामी को भी चलने को कहा । तो मामी ने मुझे कहा कि मोनू पङोस वाले अँकल की बेटी निकिता की अभी शादी हुई है
और आज उनके दामाद वापस आये है
ँ तुम भी चलोगी । तो मेने कहा मामी आज तो ट्रैन का सफर करके पूरी तरह से थकी हुई हूँ । तो मामी ने कहा कोई बात नहीँ बेटा तुम और प्रकाश यहीँ सो जाओ और मेँ सुबह आ जाऊँगी । फिर मामी तो चली गयी । मैँ और भैया सो गये । भैया ने पुछा मोनू कैसी चल रही है
आपकी पढ़ाई तो मैने कहा कि पढाई तो अच्छी है
। तुम्हारे कैसी चल रही है
। तो भैया ने कहा मस्त चल रही है
। फिर कुछ इधर ऊधर की बाते की और मैने पूछा -भैया तुम उस वक्त क्या घूर रहे थे । भैया- वो टी शर्ट पर नाम जो लिखे हूये थे । मै- अच्छा , बताओ तुम्हारी क्लासमेट भी तो ऐसे नाम वाली टीशर्ट पहनती होगी न । भैया- पर वो इतनी सैक्सी नहीँ लगती । मै-तो मै आपको सैक्सी लगती हूँ । भैया-बेहद । सच बताऊँ मोनू तुम तो अच्छी अच्छी सैक्सी हिरोइनोँ से भी ज्यादा अच्छी लग रही हो । मै-बस बहुत हो गया। (पर आज पहली बार किसी लङके से ऐसी बातेँ कर के मैनेँ अपनी पेन्टी को गिला कर दिया) भैया-मोनू एक बात बोलूँ । मै- बोलो । भैया-तुम नाराज मत होना , प्लीज .. मै- ठीक है
। भैया- मोनू… I LOVE YOU मै- क्या कह रहे हो भैया मै आपकी बहन हूँ । और भैया अपने बैड से खङे हूए और मेरे बैड पर आकर मेरे ऊपर आ गये तो मैँने कहा भैया क्या कर रहे हो ये सब गलत है
… । तब तक भैया ने मेरे लबोँ को छुआ और एक जबरदस्त किस कर दिया । तब मैँ बोली LOVE YOU TO भैया चाहती तो मैँ भी यही थी कि आपके साथ करूँ । भैया ने कहा कि मै अब भैया नहीँ प्रकाश हूँ । प्यारी मोनू मुझे भैया मत बोलो । फिर प्रकाश ने मेरे टीशर्ट के ऊपर से ही मेरे कबूतरोँ को मछलना शुरू कर दिया ।वो पागलो कि तरह मुझे चाट रहा था । मैने कहा आज मैँ तुम्हारी रानी हूँ इतनी जल्दबाजी मत करो । फिर प्रकाश ने मुझे खङा किया और मेरे सारे कपङे अपने हाथ से ऊतारे और मेरी गुलाबी चूत के दर्शन करके भोग के लिये तैयार हुआ । फिर प्रकाश ने मुझे कपङे खोलने को कहा तो मैने उसके एक एक करके सारे कपङे ऊतार दिये । ज्योँ ही मैने ऊसकी अण्डरवियर ऊतारी तो मैँ दँग रह गयी । 8 इंच का लिंग ….. । मै पहली बार किसी मर्द को नँगा देख रही थी । फिर मुझे सोफे पर लिटा कर प्रकाश मेरे अँग अँग को चूमने लगा । मै इस पहले आनन्द मे किसी जन्नत की सैर कर रही थी । उसने मुझे 25 मिनट तक चुम्मा चाटी की और तब तक मेरे चूत से दो बार रस निकल चुका था । फिर मैने कहा अब कुछ करो । मुझे मत तङपाओ प्लीज……. फिर उसने मेरी टाँगो को अपने कँधे पर ले के जैसे ही अपनी बंदूक को मेरी चुत पर टिकाया तो मेरे पूरे शरीर मे एक करँट दौङ गया । मैने सुना था कि पहली बार दर्द बहुत होता है
। तो मैने कहा प्रकाश प्लीज धीरे……. । प्रकाश- अरे मेरी रानी तूझे आँच तक नही आने दूँगा । और उसने मेरी गीली चूत पर एक जोर का झटका दिया तो आधा लिँग मरी चूत मेँ फँस गया । मेरी आँखेँ भर आयी और मै जोर चिल्लाई तो मेरे प्रकाश ने मेरे होठोँ पर किस करके दर्द को कम किया और धीरे धीरे अपने लिँग को अन्दर बाहर करने लगा । धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा और मै मधुर मधुर सिसकारियेँ भरने लगी । करीब 20 मिनट हो गये थे मुझे जन्नत की सैर करते हुए अब मै दूसरी बार झङने वाली थी कि प्रकाश ने पूछा कि वीर्य अन्दर निकालूँ या बाहर । तो मैने कहा अभी कोई तकलीफ नहीँ है
अन्दर ही निकाल दो मेरे राजा । और फिर हम दोनोँ काफी देर तक यूँ सोये रहे और फिर उसी रात हमने चार बार मजे लिये । आपको कैसी लगी मेरी पहली कहानी मुझे जरूर मेल करेँ। मेरा ईमेल आईडी है
: [email protected] और … +0 स्वाती और नेहा दीदी के बाद सुमन कामवाली काम करवाने आती थी .