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Latest sotry by : – गौरव हम लोग गावं के रहने वाले है

ं. हमारा गावं शहर से 44 किलोमीटर दूर है

. पास के ही एक गावं में भैया की शादी हो गयी. डोली भाभी बहुत ही अच्छी थी और खूबसूरत भी. भैया की उम्र 22 साल की थी. वो उम्र में भैया से 4 साल छोटी थी. मैं डोली भाभी से उम्र में 1 साल बड़ा था. डोली भाभी की उम्र 18 साल की थी. गावं में ये उम्र शादी के लिए काफ़ी मानी जाती है

. शादी के बाद भैया की नौकरी यू.पी की एक कंपनी में लग गयी. वो पटना में ही रहने लगे. वो खुद ही घर का सारा काम करते थे और खाना भी बनाते थे. जब उन्हें खाना बनाने में और घर का काम करने में दिक्कत होने लगी तो उन्होने डोली भाभी को भी पटना बुला लिया. मम्मी तो थी नहीं केवल पापा ही थे. कुछ दिनो के बाद पापा का भी स्वर्गवास हो गया तो भैया ने मुझे अपने पास ही रहने के लिए बुला लिया. मैं उनके पास पटना आ गया और वहीं रह कर पढ़ाई करने लगा. मैने बी.ए तक की पढ़ाई पूरी की और फिर नौकरी की तलाश में लग गया . अभी मुझे नौकरी तलाश करते हुये 1 साल ही गुज़रा था की भैया का रोड ऐक्सीडेंट में स्वर्गवास हो गया. उस समय मेरी उम्र 21 साल की हो चुकी थी. अब तक मैं एक दम हटता कटता नौजवान हो गया था. मैं बहुत ही ताकतवर भी था क्योंकी गावं में कुश्ती भी लड़ता था. मुझे भैया की जगह पर नौकरी मिल गयी. अब घर पर मेरे और डोली भाभी के अलावा कोई नहीं था. वो मुझसे बहुत प्यार करती थी. मैं भी उनकी पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थी. डोली भाभी को ही घर का सारा काम करना पड़ता था इसलिये मैं भी उनके काम में हाथ बटा देता था. वो मुझसे बार बार शादी करने के लिये कहती थी. एक दिन डोली भाभी ने शादी के लिए मुझ पर ज़्यादा दबाव डाला तो मैने शादी के लिए हाँ कर दी. डोली भाभी के एक रिश्तेदार थे जो की उनके गावं में ही रहते थे. उनकी एक लड़की थी जिसका नाम प्रिया था. डोली भाभी ने प्रिया के साथ मेरी शादी की बात चलाई. बात पक्की करने से पहले डोली भाभी ने मुझे प्रिया की फोटो दिखा कर मुझसे पूछा, कैसी है

. मैं प्रिया की फोटो देख कर दंग रह गया. मैं समझता था की गावं की लड़की है

, ज़्यादा खूबसूरत नहीं होगी लेकिन वो तो बहुत ही खूबसूरत थी. मैने हाँ कर दी. प्रिया की उम्र भी 18 साल की ही थी. खेर शादी पक्की हो गयी. प्रिया के मम्मी पापा बहुत ग़रीब थे. 1 महीने के बाद ही हमारी शादी गावं के एक मंदिर में हो गयी. शादी हो जाने के बाद दोपहर को डोली भाभी मुझे और प्रिया को लेकर पटना आ गयी. घर पर कुछ पड़ोस के लोग बहू देखने आये. जिसने भी प्रिया को देखा उसकी बहुत तारीफ की शाम तक सब लोग अपने अपने घर चले गये. रात के 8 बज रहे थे. डोली भाभी ने मुझसे कहा, आज मैं बहुत थक गयी हूँ. तुम जाकर होटल से खाना ले आओ. मैने कहा , ठीक है

. मैने थैला उठाया और खाना लाने के लिये चल पड़ा. मेरा एक दोस्त था विजय. उसका एक होटल था. मैं सीधा विजय के पास गया. विजय बोला, आज इधर कैसे. मैने उसको सारी बात बता दी. वो मेरी शादी की बात सुनकर बहुत खुश हो गया. हम दोनो कुछ देर तक गपशप करते रहे. विजय ने मुझसे कहा, तुझे मज़ा लेना हो तो मैं एक तरीका बताता हूँ. मैने कहा, बताओ. वो बोला, तुम प्रिया की चूत को कुछ दिन तक हाथ भी मत लगाना. तुम केवल उसकी गांड मारना और अपने आप को काबू में रखना. कुछ दिन तक उसकी गांड मारने के बाद तुम उसकी चुदाई करना. मैने सोचा की विजय ठीक ही कह रहा है

. मैने उससे कहा, ठीक है

, मैं ऐसा ही करूँगा. उसने मेरे लिए सबसे अच्छा खाना जो की उसके होटल में बनता था, पैक करा दिया. मैं खाना लेकर घर वापस आ गया. हम सब ने खाना खाया. डोली भाभी ने प्रिया को मेरे रूम में पहुंचा दिया. उसके बाद उन्होने मुझे अपने रूम में बुलाया और कहने लगी, प्रिया अभी छोटी है

. उसके साथ बहुत आराम से करना. मैने मज़ाक किया, मुझे करना क्या है

. वो बोली, शैतान कहीं का. तू तो ऐसे कह रहा है

की जैसे कुछ जानता ही नहीं. मैने कहा, मुझे कुछ नहीं मालूम है

. डोली भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा, पहले उससे प्यार की दो बातें करना. उसके बाद अपने औज़ार पर ढेर सारा तेल लगा लेना. फिर अपना औज़ार उसके छेद में बहुत ही धीरे धीरे घुसा देना. जल्दी मत करना नहीं तो वो बहुत चिल्लायेगी. वो अभी 18 साल की ही है

. समझ गये ना. मैने कहा, हाँ, मैं समझ गया. डोली भाभी ने कहा, अब जा अपने कमरे में. मैं अपने कमरे में आ गया. प्रिया बेड पर बैठी थी मैं भी उसके बगल में बैठ गया. मैने उससे पूछा, मैं तुम्हें पसंद हूँ. उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया. मैने कहा, ऐसे नहीं, बोल कर बताओ. उसने शरमाते हुये कहा, हाँ. मैने पूछा, कहा तक पढ़ी हो. वो बोली, केवल 6 तक. मैने कहा, मेरी डोली भाभी ने मुझे कुछ सीखाया है

. क्या तुम्हें भी किसी ने कुछ सीखाया है

. वो कुछ नहीं बोली तो मैने कहा, अगर तुम कुछ नहीं बोलोगी तो मैं बाहर चला जाऊगां. इतना कह कर मैं खड़ा हो गया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैं उसके बगल में बैठ गया. मैने कहा, अब बताओ. वो कहँने लगी, मेरे घर पर केवल मेरे मम्मी पापा ही है

ं. उन्होने तो मुझसे कुछ भी नहीं कहा लेकिन मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी ने मुझसे कहा था की तुम्हारे पति जब अपना औज़ार तुम्हारे छेद में अंदर घुसायेगे तब बहुत दर्द होगा. उस दर्द को सहने की कोशिश करना. ज़्यादा चीखना और चिल्लाना मत नहीं तो बड़ी बदनामी होगी. अपने पति से कह देना की अपने औज़ार पर ढेर सारा तेल लगा लेंगे. मैने आज तक औज़ार नहीं देखा है

. ये औज़ार क्या होता है

. मैने कहा, तुमने आदमीयों के पेशाब करते समय उनकी नूनी देखी है

. उसने कहा, हाँ, गावं में तो सारे मर्द कभी भी कहीं भी पेशाब करने लगते है

ं. आते जाते समय मैने कई बार देखा है

. लेकिन उसे तो गावं में लंड कहते है

ं. मैने कहा, उसी को औज़ार भी कहते है

ं. वो बोली, मैने तो देखा है

की किसी किसी का बहुत बड़ा होता है

. मैने कहा, जैसे आदमी कई तरह के होते है

ं ठीक उसी तरह उनका औज़ार भी कई तरह का होता है

. मेरा औज़ार देखोगी. वो बोली, मुझे शरम आती है

. मैने कहा, अब तो तुम्हें हमेशा ही मेरा औज़ार देखना पड़ेगा. उसे हाथ में भी पकड़ना पड़ेगा. देखोगी मेरा औज़ार. वो बोली, ठीक है

, दिखा दो. मैं पहले से ही जोश में था. मैने अपनी शर्ट और बनियान उतार दी. उसके बाद मैने अपनी पेन्ट और चड्डी भी उतार दी. मेरा 9″ इंच लंबा और खूब मोटा लंड फंनफनाता हुआ बाहर आ गया. मैने अपना लंड उसके चेहरे के सामने कर दिया और कहा , देख लो मेरा औज़ार. उसने तिरछी निगाहों से मेरे लंड को देखा और शरमाते हुए बोली, तुम्हारा तो बहुत बड़ा है

. इतना कह कर उसने अपने हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया. मैने उसका हाथ पकड़ कर उसके चेहरे पर से हटा दिया और कहा , शरमाती क्यों हो. जी भर कर देख लो इसे. अब तो सारी ज़िंदगी तुम्हें मेरा औज़ार देखना भी है

और उसे अपने छेद के अंदर भी लेना है

. मैने तो अपने कपड़े उतार दिये है

ं अब तुम भी अपने कपड़े उतार दो. वो बोली, मैं अपने कपड़े कैसे उतार सकती हूँ, मुझे शरम आती है

. मैने कहा , अगर तुम अपने कपड़े नहीं उतारोगी तो मैं अपना औज़ार तुम्हारे छेद में कैसे घुसाऊगां. वो कुछ नहीं बोली. मैने प्रिया के कपड़े उतारने शुरू कर दिये तो वो शरमाने लगी. धीरे धीरे मैने उसे एकदम नंगा कर दिया. मैं उसके संगमरमर जैसे खूबसूरत बदन को देख कर दंग रह गया. उसकी चुचियाँ अभी बहुत छोटी छोटी थी. मैने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी चुचियों को सहलाते हुये उसके होठों को चूमने लगा. मैने देखा की उसकी चूत पर अभी बहुत हल्के हल्के बाल ही उगे थे और उसकी चूत एकदम गुलाबी सी दिख रही थी. मैने उसकी चुचियों को सहलाना शुरू कर दिया तो वो बोली, मुझे गुदगुदी हो रही है

. मैने पूछा, अच्छा नहीं लग रहा है

. वो बोली, बहुत अच्छा लग रहा है

. मैने उसके निपल को मुहँ में लेकर चूसना शुरू कर दिया तो वो सिसकारियाँ भरने लगी. उसके बाद मैने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. उसे गुदगुदी होने लगी. उसने मेरा हाथ हटा दिया तो मैने पूछा, क्या हुआ. वो बोली, बहुत ज़ोर की गुदगुदी हो रही है

. मैने कहा , अच्छा नहीं लग रहा है

क्या. वो बोली, अच्छा तो लग रहा है

. मैने कहा, तुमने मेरा हाथ क्यों हटाया. अगर तुम ऐसा ही करोगी तो मैं बाहर चला जाऊँगा. वो बोली, ठीक है

, मैं अब तुम्हें कुछ भी करने से मना नहीं करूँगी. मैने कहा , फिर ठीक है

. मैने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसकी चूत गीली होने लगी. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. मैने एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी तो उसने ज़ोर की सिसकारी ली. मेरा लंड अब तक बहुत ज़्यादा टाइट हो चुका था. थोड़ी देर तक मैं उसकी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करता रहा तो वो झड़ने लगी. झड़ते समय उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और बोली, तुम्हारे उंगली करने से मुझे तो पेशाब हो रहा है

. मैने कहा , ये पेशाब नहीं है

. जोश में आने के बाद चूत से पानी निकलता है

. वो कुछ नहीं बोली, मेरी उंगली उसकी चूत के पानी से एकदम गीली हो चुकी थी. थोड़ी ही देर में वो पूरे जोश में आ गयी तो मैने कहा , अब मैं अपना औज़ार तुम्हारे छेद में घुसाऊँगा. तुम पेट के बल लेट जाओ. वो पेट के बल लेट गयी. मैने देखा की उसकी गांड भी एकदम गोरी थी. उसकी गांड का छेद बहुत ही हल्के भूरे रंग का था. मैं अपनी उंगली उसकी गांड के छेद पर फेरने लगा. उसके बाद मैने एक झटके से अपनी एक उंगली उसकी गांड में घुसा दी. वो ज़ोर से चीखी. मैने कहा, अगर तुम ऐसे चीखोगी तो डोली भाभी आ जायेगी. वो बोली, दर्द हो रहा है

. मैने कहा, दर्द तो होगा ही. अभी तो मैं अपना लंड तुम्हारी गांड में घुसाऊँगा. थोड़ी देर तक मैं अपनी उंगली उसकी गांड में अंदर बाहर करता रहा. वो बोली, मेरा छेद तो बहुत ही छोटा है

और तुम्हारा औज़ार बहुत बड़ा. अंदर कैसे घुसेगा. मैने कहा, जैसे हर औरतों के अंदर घुसता है

. वो बोली, तब तो मुझे बहुत दर्द होगा. मैने कहा, इसीलिये तो तुम्हारी डोली भाभी ने तुमसे कहा था की दर्द को सहन करनाज़्यादा चीखना चिल्लाना मत. वो बोली, मैं समझ गयी. मैं उसके ऊपर आ गया तो वो बोली, तेल नहीं लगाओगे. मैने कहा , लगाउगां. मैने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगा लिया. उसके बाद मैने उसकी गांड के छेद पर अपने लंड का सूपाड़ा रखा और उससे कहा, अब तुम अपना मुहँ ज़ोर से दबा लो जिससे तुम्हारे मुहँ से चीख ना निकले. उसने कहा ठीक है

दबा लेती हूँ लेकिन बहुत धीरे धीरे घुसाना. मैने कहा, हाँ मैं बहुत धीरे ही घुसाउगां. उसने अपने हाथों से अपने मुहँ को दबा लिया. मैने थोड़ा सा ही ज़ोर लगाया था की वो ज़ोर से चीखी. मेरे लंड का सूपाड़ा भी अभी उसकी गांड में नहीं घुस पाया था. वो रोने लगी और बोली, मुझे छोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है

. मैने कहा,दर्द तो होगा ही. तुम अपना मुहँ ज़ोर से दबा लो. उसने अपना मुहँ फिर से दबा लिया तो मैने इस बार कुछ ज़्यादा ही ज़ोर लगा दिया. वो दर्द से तड़पते हुये ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी, दीदी, बचा लो मुझे, नहीं तो मैं मर जाऊँगी. इस बार मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया. उसकी गांड से खून निकल आया था. वो इतने ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी की मैं थोड़ा सा डर गया. मैने एक झटके से अपना लंड बाहर खीच लिया. पक की आवाज़ के साथ मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड से बाहर आ गया. मैने उसे चुप करते हुये कहा, अगर तुम ऐसे ही चिल्लाओगी तो काम कैसे बनेगा. वो बोली, मैं क्या करूँ, बहुत दर्द हो रहा था. मैने कहा, थोड़ा सब्र से काम लो. फिर सब ठीक हो जायेगा. अब तुम अपना मुहँ दबा लो, मैं फिर से कोशिश करता हूँ. उसने अपना मुहँ दबा लिया तो मैने फिर से अपने लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर रख दिया. उसके बाद मैंने उसकी कमर के नीचे से हाथ डाल कर उसे ज़ोर से पकड़ लिया. फिर मैने पूरी ताक़त के साथ ज़ोर का धक्का मारा. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. वो मेरे नीचे से निकलना चाहती थी लेकिन मैने उसे बुरी तरह से जकड़ रखा था. मेरा लंड इस धक्के के साथ उसकी गांड में 3″इंच तक घुस गया. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुये डोली भाभी को पुकार रही थी, दीदी, बचा लो मुझे नहीं तो ये मुझे मार डालेंगे. बहुत दर्द हो रहा है

. तभी कमरे के बाहर से डोली भाभी की आवाज़ आई, क्या हुआ. प्रिया इतना क्यों चिल्ला रही है

. मैने कहा, मैं अपना औज़ार अंदर घुसा रहा था लेकिन ये मुझे घुसाने ही नहीं दे रही है

. बहुत चिल्ला रही है

. डोली भाभी ने कहा, तुम दोनो बाहर आ जाओ. मैं प्रिया को समझा देती हूँ. मैने लूँगी पहन ली और प्रिया से कहा, बाहर चलो डोली भाभी बुला रही है

. वो उठना चाहती थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी. मैने उसे सहारा दे कर खड़ा किया. उसने केवल अपनी साड़ी बदन पर लपेट ली. मैं उसे सहारा दे कर बाहर ले आया क्योंकी वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. डोली भाभी ने प्रिया से पूछा, इतना क्यों चिल्ला रही थी. वो रोते हुये डोली भाभी से कहँने लगी, ये अपना औज़ार मेरे छेद में घुसा रहे थे इसलिये मुझे बहुत दर्द हो रहा था. डोली भाभी ने कहा, पहली पहली बार दर्द तो होगा ही. सभी औरतों को होता है

. ये कोई नई बात थोड़े ही है

. डोली भाभी ने मुझसे कहा, मैने तुझसे कहा था ना की तेल लगा कर धीरे धीरे घुसाना. मैने कहा, मैं तेल लगा कर धीरे धीरे ही घुसाने की कोशिश कर रहा था. जैसे ही मैने थोड़ा सा ज़ोर लगाया और मेरे औज़ार का टोपा ही इसके छेद में घुसा की ये ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. इसके चिल्लाने से मैं डर गया और मैने अपना औज़ार बाहर निकाल लिया. उसके बाद मैने इसे समझाया तो ये राज़ी हो गयी. मैने फिर से कोशिश की तो ये फिर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और मेरा औज़ार केवल ज़रा सा ही अंदर घुस पाया. तभी आप ने हम दोनो को बुलाया और हम बाहर आ गये. डोली भाभी ने कहा, इसका मतलब तुमने अभी तक कुछ भी नहीं किया, मैने कहा, बिल्कुल नहीं. तुम चाहो तो प्रिया से पूछ लो. डोली भाभी ने प्रिया से पूछा, क्या ये सही कह रहा है

. उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, तुम कमरे में जाओ. मैं इसे समझा बुझा कर भेजती हूँ. प्रिया कमरे में चली गयी. उन्होने मुझे समझाते हुये कहा, इस बार बहुत ही धीरे धीरे घुसाना नहीं तो मैं बहुत मारूँगी. मैने कहा, मैं तो बहुत धीरे धीरे ही घुसा रहा था लेकिन इसका छेद भी बहुत तो छोटा है

. डोली भाभी ने कहा, फिर तो ऐसे काम नहीं बनेगा. तुम इसके साथ थोड़ी सी ज़बरदस्ती करना लेकिन ज़्यादा ज़बरदस्ती मत करना. ये अभी 18 साल की है

इसलिये इसे ज़्यादा दिक्कत हो रही है

. मैने कहा , ठीक है

. इतना कह कर डोली भाभी मुस्कुराने लगी. मैं कमरे में आ गया और मैने अपनी लूँगी उतार दी. मैने प्रिया से अपनी साड़ी उतारने को कहा तो उसने इस बार खुद ही अपनी साड़ी उतार दी. साड़ी उतारने के बाद प्रिया खुद ही बेड पर पेट के बल लेट गयी. मैने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगाया और उसके ऊपर आ गया. उसके बाद मैने जैसे ही अपने लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर रखा उसने अपना मुहँ दबा लिया. उसके बाद मैने थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो इस बार वो ज़्यादा ज़ोर से नहीं चीखी. मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया. मैने अपने लंड को उसकी गांड में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो वो आहें भरने लगी. थोड़ी देर के बाद जैसे ही मैने थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो उसने ज़ोर की आह भरी और मेरा लंड उसकी गांड में 2″इंच तक घुस गया. मैने थोड़ा ज़ोर और लगाया तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने और रोने लगी. मेरा लंड बहुत मोटा था ही. अब तक उसकी गांड में 3″इंच ही घुस पाया था. मैं रुक गया लेकिन वो दर्द के मारे अभी भी बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. मुझे गुस्सा आ गया तो मैने ज़ोर का एक धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही मेरा लंड उसकी गांड में 4″ इंच तक घुस गया. वो और ज़्यादा ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, दीदी, बचाओ मुझे. मैं मर जाऊँगी. उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनकर डोली भाभी ने बाहर से पूछा, अब क्या हुआ. वो रोते हुए कहँने लगी, दीदी, मुझे बचा लो नहीं तो मैं मर जाऊँगी. कहानी जारी रहेगी … और … +0 मेडम की गुरु दक्षिणा पत्नी और डोली भाभी 2 .

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