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चूत और चूत वाली से डर लगता था

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“देसी इंडियन कॉलेज गर्ल
बात उन दिनों की है

जब मैं बी.ए. के प्रथम वर्ष में पढ़ता था, तब मैं 18 साल का हो गया था.. मैं बहुत ही ज्यादा शर्मीला हूँ, तो तब मेरी किसी भी लड़की से कभी कोई बात नहीं होती थी क्योंकि मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म आती थी और मेरी गांड फटती थी।

एक दिन जब मैं कॉलेज पहुँचा तो सीढ़ियाँ चढ़ते वक्त एक लड़की फिसल कर मेरे ऊपर गिर पड़ी और मैंने अपने आपको बचाने के चक्कर में उसका एक हाथ पकड़ लिया। लेकिन मैं उसे सम्भाल नहीं सका और उसे लेकर मैं भी नीचे गिर पड़ा।
अब स्थिति कुछ ऐसे हो गई थी कि मैं उसके नीचे था और वो मेरे ऊपर थी।

नीचे गिरने से मेरा सर फट गया था। मैंने एक हाथ सर पर लगाया और दूसरे हाथ से उसे हटाने लगा।

तभी मेरा एक हाथ में उसका मम्मा आ गया जिसे मैंने अनजाने में जोर से मसक दिया.. वो मुझे घूरने लगी। मेरी तो गांड फट गई और सर में चोट लगने का भी मुझे कोई होश नहीं रहा।

मैं किसी तरह उठा और बैग लेकर मैं घर भाग आया, फिर पापा के साथ जाकर मैंने सर की पट्टी कराई।
मैं शर्म के मारे दो दिन तक कॉलेज ही नहीं गया।

देसी गर्ल पड़ी मेरे पीछे
तीसरे दिन जब मैं कॉलेज गया तो वो लड़की मुझे फिर दिखी और मैं डर के मारे तेज़ी से क्लासरूम की तरफ जाने लगा.. लेकिन वो लड़की दौड़ कर मेरे पास आई और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।

उसने मुझसे पूछा- अब तुम्हारा सर कैसा है

.. तुमने तो उस दिन कुछ पूछने का टाइम ही नहीं दिया और भाग गए।
मैंने सर झुकाए हुए ही कहा- मैं ठीक हूँ और मुझे जाने दो।
उसने कहा- तुम मुझसे इतना डर क्यों रहे हो.. मैं तुम्हें कोई जानवर लग रही हूँ क्या?
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है

लेकिन मुझे लड़कियों से डर लगता है

तो वो हँसने लगी और उसने कहा- अब तो मैं तुम्हें और ज्यादा डराऊँगी.. चलो तुम मुझे अपना नंबर दो।
मैंने ‘ना’ कर दिया..
तो वो बोली- मत दो.. मैं तुम्हारे दोस्तों से ले लूँगी.. मेरा नाम भी अंजू है


इतना बोल कर वो हँसते हुए चली गई।

मुझे लगा कि उसने मज़ाक किया है

। इसके बाद मैं अपनी क्लास में चला गया।

चार दिन बाद रात को 11 बजे जब मैं पढ़ाई कर रहा था.. तब एक अनजान नंबर से मेरे मोबाइल पर कॉल आया।
मैंने कॉल रिसीव किया।
‘है

लो..’ उधर से किसी लड़की ने ही कहा।
मैंने पूछा- कौन?

तो उधर से कहा गया- इतनी जल्दी भूल गए क्या मुझे.. मैं अंजू हूँ।
मैंने फोन काट दिया तो उसने फिर फोन किया.. उसने तुरंत कहा- अब अगर तुमने फोन काटा तो मैं तुम्हारी मम्मी से बोल दूँगी कि तुमने मेरा उस दिन क्या पकड़ा था।
तो मैं डर गया और मैंने कहा- प्लीज़ मत कहना.. मैं फोन नहीं काटूँगा।
‘अब आए ना पटरी पर..’

मैंने कहा- अभी मेरे पास कोई है

.. इसलिए मैं कल बात करूँगा।
उसने कहा- झूठ मत बोलो.. मुझे मालूम है

.. तुम अकेले सोते हो।
मैंने कहा- तुम्हें कैसे पता कि मैं अकेले सोता हूँ।
उसने बताया- तुम्हारी बहन ने बताया है

और यह नंबर भी उसी ने दिया है

मैं उसकी बात सुनकर अभी सोच ही रहा था कि अंजू ने मुझे ‘आई लव यू..’ बोल दिया।
मैंने उससे जवाब में कुछ नहीं बोला।
उसने बताया- तुम्हारी बहन को ये बात पता है

यह सुन कर तो मेरी गांड फ़ट गई और मैंने बिना कुछ कहे ही फोन काट दिया और ऑफ करके रख दिया।
अगले दिन रविवार था.. इसलिए मैं देर तक सोता रहा।

मेरी गांड फ़ट गई
जब मैं 10 बजे सो कर उठा तो देखा कि अंजू मेरी मम्मी के साथ बैठ कर बात कर रही थी।


उसे देख कर मेरी गांड और फट गई कि आज तो मैं गया काम से.. अब तो यह उस दिन वाली बात मम्मी को बता देगी या बता चुकी होगी।

लेकिन मम्मी को देख कर ऐसा कुछ नहीं लगा.. तो मुझे चैन मिला, परन्तु मुझे डर अभी भी था।

कुछ देर बाद मम्मी शॉपिंग के लिए चली गईं और घर में मेरी बहन और हम दोनों ही बचे थे।
तब अंजू मेरे पास आई और बोली- आज के बाद मैं तुम्हें कहीं छोड़ कर नहीं जाऊँगी और हमेशा यहीं रहूँगी।

मैं कुछ समझ नहीं पाया, तब मेरी बहन ने बताया कि आज से यहाँ पेइंग गेस्ट के तौर पर रहेगी और मम्मी ने भी ‘हाँ’ कर दी है

।”
“एक महीने में उसने मेरे मम्मी-पापा का दिल जीत लिया और मुझे बहुत परेशान करने लगी। वो सब के साथ इतनी खुल गई थी कि मम्मी के सामने भी मुझे छेड़ती थी, मम्मी के ना रहने पर मेरे साथ गंदी-गंदी हरकतें भी करती थी।

एक रात मैं पढ़ रहा था तब वो मेरे कमरे में आई और उदास सी होकर मेरे सामने बैठ गई।
मैंने पूछा- क्या हुआ.. क्यों उदास हो?
तो उसने बताया- मेरे पेट में दर्द हो रहा है


मैंने पूछा- कोई दवा ली है

कि नहीं?

उसने कहा- हाँ ली है

.. लेकिन दर्द कम नहीं हो रहा है

.. इसलिए नींद नहीं आ रही है

.. तभी तो तुम्हारे पास आ गई हूँ।

मैंने कहा- चलो टीवी देखते है

ं तो शायद तुम्हारा ध्यान पेट से हटे तो दर्द कम हो जाए।

मैंने अपने कमरे का टीवी ऑन कर दिया, मैंने एक हॉलीवुड मूवी लगाई जो उसे समझ नहीं आ रही थी।


मैंने चैनल बदला तो ‘मर्डर’ मूवी आ रही थी।


उसने झट से कहा- यही लगी रहने दो।

मैंने भी वो मूवी देखी नहीं थी और कुछ देर बाद उसमें किसिंग का सीन आया तो अंजू मेरी तरफ देखने लगी।
मैंने रिमोट उठा कर चैनल चेंज करना चाहा.. लेकिन उसने नहीं करने दिया, उलटे उसने उठ कर कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और मेरे पास आकर बोली- मुझे किस करो ना?

मैंने ‘ना’ कहा तो वो उठ कर बिस्तर से जाने लगी और कुछ दूर से वापस आ कर जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़ कर किस करने लगी।

पहले तो मुझे अजीब सा लगा.. लेकिन कुछ देर बाद मेरा लंड खड़ा होने लगा और मुझे अच्छा लगने लगा।

अब मैं भी उसे किस करने लगा और उसे नीचे पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया और ज़ोर से उसके होंठ को चूसने लगा।
वो पागलों की तरह मेरे बाल और पीठ को नोंचने लगी और मेरे होंठ काटने लगी।

मैं भी पागल होने लगा.. हम दोनों किस में इतना डूबे थे कि बेड से नीचे गिर गए। चोट तो नहीं लगी लेकिन उसका हाथ मेरे लंड पर चला गया।

उसने लंड को पकड़ लिया और ज़ोर से आगे-पीछे करने लगी।

मैं भी उसकी चूचियों को ऊपर से ही सहलाने लगा और कुछ देर बाद जब वो नहीं रह पाई तो उसने उठ कर लाइट बुझा दी और मेरे कपड़े उतारने लगी, वो मुझसे खुद के कपड़े उतारने को बोलने लगी।

मैंने उसके लोवर और टी-शर्ट को उतार दिया। अब तक उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और अपनी ब्रा और पेंटी को भी उतार फेंका और मेरे करीब बैठ गई।

उसने मेरे लंड पर थूक लगाया और बोली- मुझे अपना ये हथियार जल्दी मेरे इस छेद में डाल दो।
मैंने कहा- मैंने ऐसा कभी नहीं किया है


उसने कहा- ऐसे कह रहा है

जैसे मैंने तो रोज किया है

ना साले.. बहनचोद.. मुझे भी कुछ नहीं पता है

.. जब कुछ करोगे तब ना पता चलेगा।

वो लेट गई और अपनी चूत पर थूक लगा कर पैर फैला दिए, उसने मेरे लंड पर भी थूक लगाया और कहा- चलो, अब अन्दर डालो।
मैंने पूछा- कहाँ अन्दर?
वो बोली- साले मैं लड़की होकर ऐसा बोल रही हूँ.. और तुम्हें कुछ नहीं पता।

उसने मुझे अपने ऊपर खींचा और मेरे लंड को पकड़ लिया, उसने अपनी चूत पे मेरा लंड लगाया और बोला- चलो धक्का लगाओ।
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ं!

मैंने ज़ोर का धक्का लगाया।
उसने अपने मुँह पर हाथ रख कर ज़ोर से दबा लिया और एक हाथ से मुझे रोकने लगी। मेरा लंड भी ज़ोर से दर्द करने लगा और मैं रुक गया था।
थोड़ा सा हाथ हटा कर उसने रोते हुए कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… साले, तुमने मेरी जान ले ली।

मैं अपना लंड बाहर निकालने लगा तो उसने मुझे पकड़ कर मना किया और बोली- ऐसे ही पड़े रहो।

कुछ देर बाद उसने मुझे लंड निकालने को कहा और जब थोड़ा लंड अन्दर रह गया तो उसने फिर से अन्दर ले जाने को कहा।
मैंने ऐसा ही किया तो उसने बोला- ऐसे ही धीरे-धीरे करते रहो।

मैं ऐसा ही करता रहा और मुझे अच्छा लगने लगा। कुछ देर बाद अंजू भी नीचे से धक्का देने लगी और कुछ ही मिनट बाद मेरे लंड से कुछ निकला और मैं उसके ऊपर गिर कर हाँफने लगा।

फिर उसने मुझसे पूछा- अच्छा लगा?
मैंने कहा- हाँ.. और तुम्हें?
वो बोली- हाँ लेकिन दर्द भी हो रहा है


मैंने कहा- मेरा भी दर्द कर रहा है

वो बोली- अब मैं अपने कमरे में जा रही हूँ।
वो मुझे किस करके उठी और कपड़े पहन कर चली गई।

बाकी की कहानी फ़िर कभी लिखूँगा। मुझे मेरी सेक्स कहानी के बारे में ज़रूर बताना कि कैसी लगी.. धन्यवाद।

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में ज़रूर लिखें.. ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें।
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