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एक दोस्त की बीवी को आगे पीछे दोनों तरफ से चोदा दिया

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Lаtеѕt sotry by : – गुमनाम … है

ल्लो दोस्तों, यह बात उस समय की है

जब मेरी उम्र 20 साल थी और मेरी माँ की उम्र 34 साल थी।

उस समय मेरे ऊपर जवानी चढ़ना शुरू हुई थी।

मेरी जवानी के शोले अंदर ही अंदर भड़कते थे और मेरी माँ बहुत ही सेक्सी और सुंदर है

। उसका शरीर बड़ा ही सुंदर आकर्षक है

और उनके बूब्स का आकार 38-32-38 था। उनके बूब्स और गांड बहुत बड़े आकार के थे और उनका वो सुडोल गोरा बदन बहुत ही हसीन था। दोस्तों में जब भी अपनी माँ को देखता तो मुझे उनका सेक्सी गोरा बदन देखकर मन में गुदगुदी होती थी और में उनको एक दो बार पूरा नंगा नहाते हुए भी देख चुका था।

मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा आया। दोस्तों में बचपन से ही अपनी मम्मी के बेडरूम में उनके साथ ही सोता था। मैंने तब माँ पापा को कई बार सेक्स करते हुए भी देखा था और वो तब बिल्कुल अँधेरे में सेक्स किया करते थे, लेकिन मुझे उनकी आवाज़ आती थी और वो दोनों क्या मस्त मस्ती से अपना वो काम किया करते थे। पापा, मम्मी को धक्का मारते तो माँ दर्द की वजह से अपने मुहं से आह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह की आवाज़ निकालती और वो उछल उछलकर पापा का पूरा साथ देती थी।

फिर में हर रात को सोने का नाटक करके थोड़ी जल्दी सो जाता और फिर कुछ देर बाद वो दोनों कमरे की लाइट को बंद करके अपना काम शुरू कर देते थे। तब वो दोनों समझते थे कि में गहरी नींद में सो रहा हूँ इसलिए वो बिना किसी डर चिंता के अपने काम को करने लगते, लेकिन में उस समय सोने का नाटक किया करता था और फिर में अपनी आखों को थोड़ा सा खोलकर उनका वो सेक्सी खेल देखने लगता था, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता वो बार बार ऊपर नीचे होकर झटके देने लगता।

फिर उस समय में भी सोचता था कि में भी कैसे इस खेल का आनंद लूँ? और यह बात सोचकर मेरा लंड कई बार तनकर खड़ा हो जाता और रात को यह सभी बातें सोचते सोचते मेरे लंड का रस निकल जाता और उसके बाद वो ठंडा होकर छोटा हो जाता और में सो जाता। दोस्तों एक दो बार तो जब मेरी माँ मेरे पास में सोई हुई थी तब में जानबूझ कर उनसे चिपककर सो जाता और कभी उनके पैरों के बीच में अपने पैर को डाल देता तो उनकी नींद खुलने पर वो मुझे अपने से अलग कर देती। फिर में मन ही मन में सोचता रहता कि वो मेरे साथ क्यों नहीं चिपकती? में कई बार अच्छा मौका देखकर उनके कूल्हों पर अपने हाथ फैरता और कभी उनके बूब्स को भी दबा देता तो वो तुरंत मेरा हाथ अपने बदन से दूर हटा देती और में फिर से किसी अच्छे मौके की तलाश में रहता कि मुझे कब मज़ा मिलेगा और यही बात सोचता और रोज उनको सेक्स करते हुए देखता।

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फिर में उस वजह से गरम हो जाता। एक बार उन्हे पता चल गया कि मैंने उन दोनों को सेक्स करते हुए देख लिया है

तो वो अब दूसरे रूम में जाकर सेक्स करने लगे थे, में अपनी माँ के बूब्स को हमेशा प्यार से निहारता था जब भी वो खाना परोसती या झुककर कुछ काम करती तो उनके बूब्स कपड़ो से कुछ बाहर निकल जाते और वो जब चलती तो उनके हिलते कूल्हों के बीच में फंसी साड़ी को में ध्यान से देखता, तभी वो मुझे देखती तो अपनी साड़ी के पल्लू को ठीक करती और अपनी साड़ी को कूल्हों से ठीक किया करती। दोस्तों में बचपन से ही अपनी माँ की जवानी का शबाब और उनके वैसे ही कई आकर्षक रूप देखता आया हूँ और मैंने एक बार माँ की अलमारी में सेक्सी फोटो की किताब देखी और उसमे एक नंगी औरत का एक मर्द के साथ सेक्स करते हुए फोटो था। उसको देखने में मुझे मज़ा आता और उस किताब के द्रश्यों को देखते देखते मेरे लंड से रस निकलकर बाहर आ जाता। एक बार की बात है

उस दिन मेरे पापा को उनके किसी काम की वजह से बाहर जाना था और वो चले गये और उस दिन घर पर भी और कोई नहीं था।

फिर रात को खाना खाने के बाद में और माँ टीवी पर एक फिल्म देख रहे थे। उस फिल्म में भी बहुत सेक्सी द्रश्य थे जो मुझे अब गरम कर रहे थे और फिल्म में कुछ देर बाद सेक्सी गाने आने लगे, लेकिन इस बीच माँ वहां से उठकर चली गयी थी।

फिर केबल टीवी पर अब एक ब्लूफिल्म आने लगी थी, में तो उसको देखकर एकदम चकित हो गया और मैंने सुना था कि आधी रात के बाद केबल टीवी पर सेक्सी ब्लूफिल्म दिखाते है

, लेकिन उसको देखने का मुझे कभी मौका नहीं मिला था और मैंने एक दो बार 2-4 मिनट जरुर देखी थी, लेकिन आज मेरे पास बहुत अच्छा मौका था और यह बात मन ही मन में सोचकर में देखने लगा। तभी मुझे विचार आया कि कहीं माँ ना आ जाए और मैंने सोचा कि माँ उनके रूम में सोने चली गयी है

और मैंने उनको अपने आसपास देखा, लेकिन मेरे पास कोई नहीं था और में चैनल बदलकर वो ब्लूफिल्म देखने लगा, वाह क्या मस्त सेक्सी फिल्म थी? उसमे औरत मर्द को चुदाई करते हुए पूरा दिखाया था। मैंने पहले से ही टीवी की आवाज को बंद कर दिया था और अचानक से मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरी माँ भी मेरे पीछे दरवाजे के पास खड़ी होकर वो फिल्म देख रही है

। फिर मैंने धीरे से अपनी चोर नज़रों से उनको देख लिया, लेकिन माँ को भी इस बात का पता नहीं चला कि मैंने उनको देख लिया है

अब मैंने मन ही मन में सोचा कि जब माँ ने भी इस फिल्म को देख ही लिया है

और वो भी इसको मज़े लेकर देख रही है

तो चलने दो इसे। अब हम दोनों वो ब्लूफिल्म देख रहे थे, तभी मैंने आवाज को हल्का सा बढ़ा दिया और अब मेरा लंड भी सख्त हो गया था और में उस समय पजामा पहने हुआ था। में अब कपड़ो के ऊपर से अपने लंड को सहलाने और पकड़ने लगा था, तभी अचानक में पीछे घूम गया और माँ को देखकर में उनको बोला कि अरे माँ तुम अब तक सोई नहीं, अच्छा तो अब मेरे साथ बैठकर देख लो आप कितनी देर तक वहां पर खड़ी रहोगी। फिर वो मेरे पास आकर सोफे पर बैठ गयी और फिल्म में वो दोनों कितने मज़े से चुदाई का आनंद ले रहे थे। उसमें वो औरत उसको बार बार बोल बोलकर सेक्स का तरीका बताकर उससे अपनी चुदाई करवा रही थी।

अब मैंने आवाज को थोड़ा सा बढ़ा दिया और अब में माँ की गोद में उनकी जाँघो पर लेट गया और हम फिल्म देख रहे थे। फिर तरह तरह से चुदाई के तरीके देखकर मेरा लंड पजामे में एकदम खड़ा था और बेताब हो रखा था, जिसको माँ बहुत ध्यान से देख रही थी।

फिर माँ ऐसे ही कुछ नीचे झुकी तो उसके बूब्स मेरे मुहं पर आ गए तो मैंने अपने होंठो के बीच उनके बूब्स को ले लिया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और मेरी हिम्मत अब ज्यादा बढ़ गई। अब मैंने थोड़ा सा ऊपर होकर उनके बूब्स के निप्पल को दबा दिया और मैंने देखा कि अब तो वो भी उस फिल्म को देखते देखते आहह्ह्ह उह्ह्ह कर रही थी और अपनी चूत को खुजाने लगती। फिर बूब्स को मसलने लगती और कभी अपने दोनों होंठो को आपस में दबाने लगती तो कभी होंठो को दाँत में दबाने लगती।

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फिर में तुरंत समझ गया कि यह इस समय बहुत जोश में आ चुकी है

और वो अब अपने ब्लाउज में हाथ डालती। एक बार तो साड़ी से पेटीकोट में अपने हाथ को डालकर उन्होंने अपनी गरम चूत में भी ऊँगली करना शुरू किया। अब मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ क्या आपको कहीं दर्द है

? वो मेरी बात को सुनकर बस मुस्करा दी और में उनकी गोद में लेटे लेटे ही अब उनकी गोरी चिकनी कमर पर हाथ फेर रहा था। साड़ी की वजह से उनकी कमर पूरी नंगी थी और पीछे से एकदम खुली हुई थी।

में मन ही मन में अब सोचने लगा कि आज मेरे पास बहुत अच्छा मौका है

, शायद मेरे हाथ से यह मौका निकल जाए तो मुझे दोबारा ना मिले, में कोशिश करके देखता हूँ। अब मैंने अपने एक हाथ से उनकी चूत को हल्का सा दबा दिया, लेकिन उनकी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर अब मैंने साड़ी के ऊपर से ही अपनी दो उँगलियों से में चूत को दबाने लगा, तब उसने आह भरी। अब वो फिल्म खत्म होकर उसका दूसरा हिस्सा शुरू होने वाला था तभी माँ मुझसे बोली कि बहुत देर हो गयी है

अब तुम सो जाओ और टीवी को बंद कर दो। फिर मैंने उनसे बोला कि माँ बस थोड़ी सी देर और देखने दो मुझे अच्छा लग रहा है

, लेकिन वो अब उठकर सोने चली गयी और में फिल्म देख रहा था। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और आज में भी मन ही मन में सोचने लगा कि आज तो मुझे भी फिल्म की तरह यह सब करना ही है

और चुदाई का असली मज़ा लेना है

और फिल्म के खत्म होने के बाद मैंने टीवी को बंद किया और में भी माँ के पास में जाकर लेट गया। फिर मैंने उनसे बोला कि आज में भी यहीं पर सो जाता हूँ और इतना कहकर में माँ के पास में ही सो गया और अब में अपना लंड मसल रहा था।

फिर कुछ देर बाद माँ ने अपना मुहं दूसरी तरफ घुमा लिया और कुछ देर के बाद मैंने अपना एक हाथ माँ के ऊपर रख दिया और उस समय माँ की कमर पर मैंने अपना हाथ रखा था। माँ का मुहं उस तरफ था और में थोड़ा सा आगे बढ़ा और माँ के पहले से और ज्यादा चिपक गया, जिसकी वजह से मेरा लंड अब माँ की गांड को छूने लगा और उसके बाद धीरे धीरे मैंने अपना हाथ माँ के बूब्स पर रख दिया और में उनको सहलाने लगा। अब मुझे लगा था कि जैसे माँ गहरी नींद में सो गई है

, लेकिन वो तो उस समय सोने का नाटक कर रही थी।

फिर मैंने धीरे धीरे अपना हाथ माँ के पेट से घुमाकर माँ की साड़ी के अंदर डाल दिया। तभी माँ ने मेरा हाथ पकड़ लिया और वो बोला कि तू यह क्या कर रहा है

? और वो बिल्कुल सीधी हो गई और अपनी साड़ी को ठीक करने लगी। में उस वजह से बहुत घबरा गया, लेकिन माँ ने बोला क्या बात है

? में उससे बोला कि कुछ नहीं। फिर वो कहने लगी कि अब चुपचाप सो जाओ, अब मैंने उनसे पूछा कि आपको फिल्म कैसी लगी? वो बोली कि वो बड़ो के लिए है

। फिर मैंने कहा कि मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने कहा कि आज मुझसे रहा नहीं जा रहा और अब में अपने लंड को मसलने लगा। मैंने फिर से माँ के ऊपर अपने एक पैर को रखकर उनसे चिपक गया और बूब्स को दबाने लगा। उन्होंने अपने ब्लाउज के ऊपर के बटन पहले से ही खोले हुए थे और सिर्फ़ एक ही बटन बंद था। मैंने उनसे पूछा क्यों मज़ा आता है

ना? माँ भी अब गरम हो रही थी और मैंने कहा कि आप पाप के साथ भी फिल्म के द्रश्य की तरह उनके साथ मस्ती लेती हो, क्योंकि मैंने कई बार तुम्हे सेक्स करते हुए देखा है

और मैंने उनके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया, वो बोली यह क्या कर रहा है

क्या तू पागल है

तू मेरा बेटा है

ऐसा नहीं हो सकता और वो बोली कि में तुम्हारे पापा को बोल दूँगी। फिर मैंने कहा कि में भी उनको कह दूंगा कि आपने मुझे ब्लूफिल्म दिखाई थी और उसको देखकर मुझसे लिपट गयी थी और मेरे कपड़े भी आपने ज़बरदस्ती उतार दिए थे। फिर वो बोली कि चुप अब हो जा तू बहुत बदमाश हो गया है

और मैंने कहा कि अगर आज हम दोनों सेक्स करेंगे तो में किसी से भी नहीं कहूँगा, पापा से भी नहीं और हम दोनों को सेक्स का पूरा मज़ा मिलेगा नहीं तो में सबसे वो बात बोलूँगा। अब वो बोली कि अच्छा अब तू बिल्कुल चुप हो जा आज की यह सभी बातें तू किसी को नहीं बताना और फिर मैंने कहा कि यह तो तेरे मेरे बीच की बात है

में क्यों किसी से कहूँगा? मैंने कहा कि अब थोड़ा जल्दी करो, हम फिल्म की तरह करेंगे। फिल्म में जैसे औरत और वो लड़का कर रहे थे। फिर इतना कहते हुए मैंने माँ के ब्लाउज का हुक खोल दिया, वाह क्या सेक्सी काले रंग की जालीदार ब्रा थी? अब माँ ने अपनी ब्रा को खोल दिया और उसके बड़े आकार के गोरे बूब्स बाहर आ गये, वो क्या मस्त सुंदर मोटे बड़े ही आकर्षक नजर आ रहे थे और वो ज्यादा बड़े होने की वजह से मेरे तो हाथ में भी नहीं आ रहे थे। दोस्तों ये कहानी आप urzоу lаtеѕt new hindi ѕеx ѕtоrіеѕ पर पड़ रहे है

अब मैंने बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू किया और बोला कि इसको तो में बचपन में चूसता था तब तो तू मुझसे कुछ नहीं बोलती थी, लेकिन आज क्यों इतने नखरे दिखा रही है

? तेरी इस चूत से तो में पूरा बाहर निकला हूँ और आज तो केवल यह मेरा 6 इंच का इसके अंदर जाएगा, जिसमें भी तू बहुत नखरा मारती है

और पापा के साथ तो बड़ी मज़े से उछल उछलकर उससे अपनी चुदाई करवाती है

। मुझे पता है

कि तेरी अलमारी में बहुत सारे सेक्सी फोटो और सेक्सी कहानियों की किताब है

जिसमें चुदाई की बहुत सारी कहानियाँ भी है

और मैंने वो सब देख लिया है

। दोस्तों में अब पूरी तरह से खुल गया था और अब वो भी बोली अच्छा यह बात है

तो तुम ज़ोर लगाकर कसकर दबाओ। अब में भी बहुत उत्तेजित हो गया और में जोश में आकर उनके रसीले बूब्स से जमकर खेलने लगा, वाह क्या बड़े बड़े बूब्स थे और उस पर लंबे लंबे निप्पल। में ज़ोर ज़ोर से दबाकर उनको चूसने लगा और उनके वो दोनों गुलाबी रंग के निप्पल मोटे और बहुत मुलायम थे। में अपनी जीभ को बाहर निकालकर उन पर गोल गोल घुमाकर चाटकर मज़े ले रहा था और वो कहने लगी आअहहह सस्सस्स उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया और ज़ोर से चूसो मेरे यह निप्पल। अब मैंने कसकर बूब्स को दबा दबाकर दोनों निप्पल पर अपनी जीभ से बहुत चाटा और फिर मैंने उनके होंठो को अपने होंठो में लेकर बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसा, जिसकी वजह से उसको बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर वो मुझसे कहने लगी कि तू तो बड़ा ही तेज है

और इतना कहकर उसने मेरे पजामे का नाड़ा खोल दिया। मैंने अपना पजमा और अंडरवियर दोनों को एक साथ उतार दिया और उसके बाद मैंने भी उनके पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया। उन्होंने पेटीकोट और साड़ी को उतार दिया और में उनकी चूत के दर्शन करके मस्त हो गया। उनका वो पूरा गोरा बदन और चूत पर झांटे उगी हुई थी और गोरे बदन पर काली झांटे खिल रही थी।

उन्होंने अपने पैर एक दूसरे पर चड़ा लिए थे, जिससे कि नंगी होने पर भी उनकी चूत छुप गयी थी।

अब मैंने अपनी पूरी ताक़त के साथ माँ की चूत पर से उनके पैर को हटा दिए और आज मेरे सामने माँ की चूत पर बड़ी- बड़ी झांटे थी और उन झांटो के अंदर से झांकती हुई उनकी गोरी प्यासी चूत।

में तो बस उस चूत को देखकर बिल्कुल बेकरार हो गया और मैंने कहा कि माँ तेरी चूत की झाँकी बहुत सुंदर है

वाह तू बहुत सेक्सी है

और में माँ के ऊपर बैठ गया। फिर वो बोली कि अरे मेरे बेटा इतनी जल्दी क्या है

? पहले तू जी भरकर देख ले मेरी इस चूत को, उसके बाद आज तू इसको मस्त कर देना। अब अपनी माँ के मुहं से वो बातें सुनकर मेरे पूरे बदन में सनसनी होने लगी और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। फिर तभी माँ ने तुरंत ही मेरा लंड हाथ में पकड़ा और वो उसको सहलाने लगी और देखते ही देखते मेरा लंड मूसल की तरह मोटा हो गया। अब वो मुझसे बोली कि बहुत मोटा है

रे तेरा और वो मेरे लंड को अपने बूब्स के साथ मसलने लगी। फिर कुछ देर बाद में अपने लंड को पकड़कर उनके मुहं के पास ले गया और अब में उनसे बोला कि चूसो ना इसको। फिर उसने मेरे लंड को किस करके छोड़ दिया और मैंने उनसे कहा कि आप फिल्म की तरह इसको अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसो जैसे वो औरत चूस रही थी।

फिर वो कहने लगी कि मैंने पहले कभी इसको नहीं चूसा और मुझे यह सब करना नहीं आता। मैंने कहा कि हाँ इसलिए तो आज यह भी मज़ा हमें लेना है

। अब उसने कहा कि अच्छा इसको तुम पहले ठीक से साफ करो। फिर मैंने अपने लंड को गीले टावल से साफ करके उसके ऊपर गुलाब जल डाल दिया। फिर माँ से बोला कि यह ले अब चूस और देरी मत कर। में अपने लंड को उसके मुहं के पास ले गया और उसको लंड से गुलाब की खुशबु आई और वो धीरे से मुहं में लेने लगी। फिर मैंने कहा कि पूरा अंदर तक लेकर चूस, नखरा मत कर और लंड उसके मुहं में धक्का देकर डाल दिया और बोला कि चल अब चूस और अब वो चूसने लगी। अब अह्ह्ह ओह्ह्ह हम दोनों के मुँह से तेज़ सिसकियाँ निकलने लगी और में माँ से बोला कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा है

, क्यों तुझे भी मज़ा आ रहा होगा और इसको ज़ोर ज़ोर से लोलीपोप की तरह चूस। फिर उसने मुहं से लंड को बाहर निकालकर हाथ से सहलाने लगी और में उससे पूछने लगा कि और कैसे तुम्हे मज़ा आता है

बोलो, तुम्हे ज्यादा अनुभव है

? अब में माँ के बूब्स को दबाने लगा और माँ को भी मेरे ऐसा करने से अच्छा लग रहा था और उसके मुहं से आवाज़े आ रही थी।

फिर में माँ के बूब्स को दबाता और उसकी चूत में उँगलियाँ डालता, तब माँ बोलती आइईई अब बस भी कर अब तू मुझे ऐसे मत तरसा आाह्ह्ह्ह अब डाल भी दे और कितना तरसाएगा, क्या बात है

मेरी चूत अब बहुत बैचेन है

 

फिर तभी मैंने माँ से पूछा माँ क्या में अब आपको चोद सकता हूँ? वो बोली कि अब तू मुझसे पूछता क्या है

अब मुझसे नहीं रहा जाता और फिर मैंने माँ के दोनों पैरों को फैलाया और अपना मोटा मूसल जैसा लंड माँ की प्यासी चूत में एक धक्के के साथ घच से डाल दिया। उसकी चूत चुदते चुदते बहुत फैल गयी थी, इसलिए मुझे अपना लंड उसके अंदर डालने में ज्यादा दर्द तकलीफ नहीं हुई, लेकिन वो चिल्लाई ऊओउउइईइ मार दिया रे तूने आह्ह्हह्ह। फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ तो वो बोली कि कुछ नहीं मज़ा आ रहा है

तू ज़ोर से किए जा और अब में तेज़ी से अपना लंड माँ के भोसड़े के अंदर बाहर करने लगा और माँ नीचे से अपनी चूत को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत में निगल रही थी और वो मेरे साथ पूरा मज़ा ले रही थी।

फिर मैंने उससे कहा कि में आज फिल्म की तरह तुझे पूरा मज़ा देकर तेरी चुदाई करूंगा और फिर में एक तूफान बन गया। में ज़ोर के झटके दे रहा था और माँ चिल्ला रही थी आआह ह्ह्ह्हआा प्लीज सस्ससस्स धीरे करो, में मर गई आह्ह्ह्ह और धीरे करो ऊऊईईईईई आईईईई मुझे बहुत मज़ा आ रहा है

। अब में तेज़ी से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाले जा रहा था और में भी उस सेक्सी फिल्म की तरह खुल गया। फिर मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया था। माँ बोल ऊऊऊहह आआहह्ह्ह्ह अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा है

और चोद ज़ोर से धक्के देकर चोद आज तू फाड़ दे इस हसीन चूत को, तुझे अपनी माँ की मस्त चूत की कसम, तूने मुझे मस्त कर दिया आईईईसी वाह क्या मज़ा आ रहा है

, मुझे इतना आज तक कभी नहीं आया, तू तो अपने बाप का भी बाप निकला, बड़ा तेज है

रे तू ऊऊुउउइईई तूने मुझे जन्नत पहुंचा दिया है

, में झड़ गई रे और फिर माँ मुझसे लिपटकर बेड पर लेट गयी। फिर उसके कुछ देर धक्के देने के बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य माँ की चूत में डाल दिया। फिर थोड़ी देर के बाद में उससे बोला कि माँ में एक बार फिर से मज़े लूँगा, लेकिन अब में तेरी गांड में अपना लंड डालना चाहता हूँ और यह बात मैंने अपनी ऊँगली को उसकी गांड में डालते हुए कहा। फिर वो बोली कि क्या तेरा अब भी मन नहीं भरा? में कहने लगा कि आज तो सारी रात हम दोनों की है

और माँ के दोनों पैरों को पूरी तरह फैलाकर मैंने पीछे से माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और उनके फैले हुए कूल्हों में मैंने अपना मूसल डाल दिया। दोस्तों मेरा आधा ही लंड अंदर गया था कि दूसरी तरफ एक पल के लिए तो माँ उस दर्द से छटपटा गयी ऊऊओह्ह्ह्हह आईईईई मुझे बड़ा दर्द हो रहा है

और तू बड़ा बेरहम हो गया है

, आज मेरी चूत और गांड दोनों को अंदर से पूरा हिला दिया तूने और फिर थोड़ा सा ज़ोर लगाते ही घच से मेरा लंड उनकी गांड के अंदर तक चला गया। फिर इस बार मुझे भी कुछ हल्का सा दर्द हुआ, लेकिन मज़ा मुझे बहुत आ रहा था। अब अहहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ मेरी माँ मुझे बचा ले माँ के मुहं से यह आवाज़ निकली सीईईईईईई हाँ आहऊऊ ओह्ह्ह मेरी जान निकली जा रही है

तुम आज क्या करेगा? मैंने कहा कि माँ मैंने तेरे बदन, बूब्स, चूत, गोल कूल्हों के दर्शन किए, तूने पहले क्यों मुझे नहीं दिखाया, आज का मज़ा बहुत जोरदार था और तू तो सबसे ज़्यादा सेक्सी है

उस फिल्म की लेडी से भी ज़्यादा और फिर कुछ देर के धक्कों के बाद में भी झड़ने के करीब आ चुका था और माँ भी झड़ने वाली थी और फिर हम दोनों ही एक साथ ही झड़ गये। अब माँ और में वहीं बेड पर लेट गए और माँ हांफने लगी और वो कहने लगी कि आज बहुत दिन बाद मुझे ऐसा मज़ा आया है

बेटा और हम दोनों आपस में लिपटे रहे लेटे रहे और में फिर उनके बूब्स को सहलाने लगा। अब माँ मुझसे बोली क्या तेरी फिर से दूध पीने की इच्छा हो रही है

? और उन्होंने अपने बूब्स को आगे करते हुए कहा कि पूछो मत यह दूध और यह सब तुम्हारा ही है

जितना दूध पीना है

पी लो और फिर मैंने बिना रुके उसके मोटे मोटे सेक्सी बूब्स को दबाना और निप्पल को मसलना शुरू किया। उसके बाद बूब्स को ज़ोर से खींचकर चूसने लगा और वो चीखते हुए कहने लगी हाँ चूसो और ज़ोर से पी जाओ इसका सारा रस बेटा आह्ह्ह्ह आईईईईई ऊऊईईईईईईई ऊऊऊह्ह्ह्ह। फिर मैंने दोनों बूब्स को बारी बारी से चूसना जारी रखा और वो मेरे लंड से खेले जा रही थी।

फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों बूब्स और उनके निप्पल को चूस चूसकर बिल्कुल लाल कर दिए। अब मेरा लंड एक बार फिर से जोश में आकर खड़ा हो गया और मैंने कहा कि यह फिर से तुम्हारी चूत के अंदर घूमकर मज़े करना चाहता है

, तो वो मुस्कुराती हुई शरारती अंदाज में बोली हाँ घुमाओ ना तुम्हे किसने मना किया है

और मैंने अब अपना यह सारा ही जिस्म अब तुझे सौप दिया है

, तो तुम्हे अब इसमें पूछने की क्या जरूरत है

? हाँ जल्दी से डाल दे और ले ले मस्ती। बस फिर क्या था? मैंने अपने लंड को उनकी चूत में जल्दी से अंदर डाल दिया और वो भी मेरे धक्को से आह्ह्ह्ह स्श्हह्ह्ह्ह करने लगी और बोली अंदर तक घुमाओ और में भी ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। फिर वो बोली कि वाह मुझे बहुत मस्ती आ रही है

, क्यों तुझे भी मज़ा आ गया? आज बहुत दिन बाद जवानी का असली मज़ा मैंने पाया है

, कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए आईईईईई आह्ह्ह्ह।

अब में भी बहुत जोश के साथ धक्के देकर उसकी चुदाई कर रहा था और में उससे बोला कि आज में तेरी इस प्यासी चूत की चुदाई करके धज्जियाँ उड़ा दूँगा और अब तू पापा से अपनी चुदाई करवाना भूल जाएगी और हर वक़्त मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी। मुझे लंड डालने के लिए कहेगी। फिर माँ के मुहं से आह्ह्ह आईईईईईई वाह मुझे क्या मस्त मज़ा आ रहा है

अब तू मुझे अकेले में मेरे नाम से बुलाएगी और फिर उसने मुझे अलग करके अपने ऊपर लेटा लिया और उसके बाद वो मुझे किस करने लगी। फिर मैंने भी फिर से माँ के माथे पर, बूस पर, नाभि पर, उसको किस करके में उसके पास में लेट गया और सुबह तक एक साथ लिपटकर चिपककर हम दोनों पूरे नंगे ही सोए रहे। फिर दूसरे दिन सुबह करीब आठ बजे माँ ने मुझे नींद से जगाया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्काराकर बोली कि तू हमेशा याद रखना और इसको राज ही रखना। किसी को हमारे बीच कल रात को क्या क्या हुआ वो सभी बातें पता नहीं चलनी चाहिए। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है

तुम मुझे हमेशा ऐसे ही मज़े देती रहना, क्योंकि मेरा लंड चूत में जाकर मज़े करने के लिए बहुत फड़कता है

और इसको किसी की चूत में जाकर उसकी चुदाई करने में बड़ा मज़ा आता है

, क्योंकि इसको अभी अभी जवानी चढ़ी है

इसलिए यह कुछ ज्यादा ही चुदाई के लिए बैचेन रहता है

।। और … +0 दोस्त की बीवी को दोनों तरफ से चोदा दोस्त की नखराली बहन की चूत फाड़ी .

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